उदयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज
उदयपुर में आदमखोर तेंदुए का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। देखते ही गोली मारने के आदेश बावजूद अभी भी तेंदुए का भय लोगों में व्याप्त है। बीते 25-26 दिनों में तेंदुआ कइयों को अपना शिकार बना चुका है। गोगुंदा गांव में कल रात करीब 9 बजे बाद एक बार फिर आदमखोर तेंदुआ दिखा, जिससे दहशत बढ़ गई। इस दौरान एक घर में मां-बेटी ने तेंदुए को अपनी तरफ आते देखा तो खुद को घर में बंद कर जान बचाई।
इस दौरान शोर मचाने पर गांव के लोग लाठी-कुल्हाड़ी लेकर बाहर निकले। गुरुवार रात को तेंदुए गोगुंदा के मजावद ग्राम पंचायत के खेड़ा गांव में दिखाई दिया। ये गांव कुडाऊ से 3 किलोमीटर की दूरी पर है, जहां 25 सितंबर की रात आदमखोर ने 5 साल की बच्ची का शिकार किया था। वहीं दूसरी ओर इस तेंदुए के शूट आउट के लिए अब दो नई आपत टीमें बनाई गई है। इसमें वाइल्डलाइफ सीसीएफ टी. मोहन राज के साथ ही सरिस्कार, रणथम्भौर और केवलादेव नेशनल पार्क के अधिकारी शामिल है। कल रात को तेंदुआ पूनाराम के घर के बाहर रखी मुर्गिायों का शिकार कर चला गया। इसके बाद ग्रामीण लाठी और कुल्हाड़ी लेकर गांव में गश्त करने लगे। ग्रामीणों की मांग थी कि वन विभाग यहां पिंजरा लगाए ताकि गांवों में इसका आतंक बंद हो।
दो स्पेशल टीम तैनात
मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के अनुसार तेंदुए को शूट आउट करने के लिए शुक्रवार से स्पेशल ऑपरेशन शुरू किया जा रहा है। इसमें दो टीम फिल्ड में रहेगी। पहली टीम 4 से 6 अक्टूबर तक गोगुंदा में रहेगी। टीम को सीसीएफ वाइल्डलाइफ जयपुर टी. मोहन राज लीड करेंगे। इनके साथ टीम में सरिस्का फील्ड डायरेक्टर संग्राम सिंह और रामगढ़ विषधारी डीसीएफ संजीव शर्मा रहेंगे।
मुख्य वन संरक्षक उदयपुर के अनुसार स्पेशल ऑपरेशन चलाने के लिए ईआरटी टीम गोगुंदा पहुंच चुकी है। इनके नेतृत्व में ऑपरेशन के लिए रणनीति बनाई गई है। जल्द ही तेंदुए को सशर्त पहले ट्रैंकुलाइज किया जाएगा। यदि वह पकड़ में नहीं आता है तो उसे शूट आउट करेंगे।यदि इस टीम को सफलता नहीं मिलती है तो दूसरी टीम 7 से 9 अक्टूबर स्पेशल ऑपरेशन चलाएगी।