उदयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज
गोगुंदा में इन दिनों आदमखोर तेंदुए ने उत्पात मचा रखा है। वन विभाग के भरसक प्रयासों के बाद भी तेंदुआ अभी पकड़ से दूर है। आए दिन इंसानों पर हमला कर रहा है, तो मवेशियों को भी अपना ग्रास बना रहा है। बीती रात को गोगुंदा से आगे सायरा रूट के पास एक घर में घुसकर दो बछड़ों को शिकार बना लिया है।
तेंदुए की तलाश के लिए वन विभाग की टीमों ने बड़गांव पंचायत समिति के राठौड़ों का गुड़ा और पड़ोसी गांव गोगुंदा का केलवों का खेड़ा में पूरा जंगल छान मारा लेकिन वो नहीं दिख रहा है। यहां से करीब 45 किलोमीटर आगे सायरा से पहले के गांवों में तेंदुए का मूवमेंट हो रहा है। वैसे यह कहना मुश्किल है लेकिन इस क्षेत्र में तो तेंदुए का मूवमेंट पहले से ही है। इन दिनों तेंदुए के पशुओं पर हमलों के बाद वहां रहने वाले लोग भी भयभीत हो गए है।
बीते रात को सायरा थाना क्षेत्र के पदराड़ा गांव में पूर्व सरपंच हरिसिंह राणावत के घर के परिसर में बंधे दो बछड़ों का शिकार कर लिया। सुबह इसकी जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जुट गए और वन विभाग को इसकी सूचना दी। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 10 दिन से पदराड़ा गांव के आस-पास तेंदुए का मूवमेंट बढ़ा है। इससे पहले वह एक गाय का शिकार कर चुका है। धर, सुआवतो का गुड़ा गांव के बंशीलाल मेघवाल ने बताया कि सोमवार रात पदराडा के पेट्रोल पंप के पास तेंदुआ देखा था, तो कल दोपहर को सड़क किनारे एक गाय मृत मिली थी। अंदेशा है कि उसको तेंदुए ने ही दबोच कर मार दिया है।
जयपुर से आई विशेष टीम भी खंगाल रही है जंगल
तेंदुए का पता लगाने के लिए जयपुर से आई इमरजेंसी रिस्पांस टीम (ईआरटी) का दल भी आज जंगल को खंगाल रहे है लेकिन ऐसा कोई भी प्वाइंट नहीं मिला जिससे तेंदुए के इसी क्षेत्र में होने या यहां से निकल जाने की पुष्टि हो सके। दल में अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एडिशनल पीसीसीएफ) वाइल्ड लाइफ रणथंभौर के फील्ड डायरेक्टर और केवलादेव नेशनल पार्क के डीएफओ स्थानीय अधिकारियों और ग्रामीणों से जो फीडबैक लिया उसके आधार पर भी खोज के लिए तमाम प्रयास किए लेकिन कोई सफलता नहीं मिली है।