Sunday, September 22

देवेंद्र शर्मा, उदयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज़

उदयपुर के सुखेर थाना क्षेत्र में हुई डकैती की घटना का खुलासा कर पुलिस ने अन्तराष्ट्रीय गैंग के मास्टरमाइंड नेपाल के जिला डोटी निवासी वीर बहादुर उर्फ बल बहादुर धामी पुत्र नर बहादुर (38) व हिरा सिंह कामी पुत्र लाल बहादूर (34) एवं थाना अशोक नगर ईस्ट दिल्ली निवासी अफजल खान पुत्र अयूब खान पठान (29) को गिरफ्तार किया है। मुख्य अपराधी वीरबहादुर उर्फ बलबहादुर मेरठ में 7 करोड़ की लूट में वांछित 05 लाख रूपये का ईनामी बदमाश है।

पकड़े गए बदमाशों के पास से घटना में प्रयुक्त वाहन एर्टिगा कार सहित पीड़ितों को बेहोश करने के लिये दी जाने वाली दवाई जब्त की गई है। पुलिस पीड़ित परिवार के घर काम करने वाली नौकरानी सहित 06 व्यक्तियों की नेपाल में तलाश कर रही है।

13 जून को रखी थी नेपाल निवासी नौकर
एसपी योगेश गोयल ने बताया कि 9 जुलाई को मॉडर्न काॅम्प्लेक्स भुवाणा निवासी शिल्पा गांधी ने रिपोर्ट दी कि दार्जिलिंग की प्लेसमेंट एजेंसी के संजोक व संजय के मार्फत उनके घर काम करने 13 जून को नेपाल निवासी करिश्मा उम्र करीब 22 वर्ष को रखा था,जो घर पर ही बने सर्वेंट क्वार्टर में रहती थी। निंबाहेड़ा निवासी उनका गार्ड जाकिर खान 2 जुलाई से छुट्टी पर था।  

खाने में बेहोशी की दवा दी, वारदात कर निकल गए 
दिनांक 08 जुलाई को रात करीबन 09-30 बजे उसने एवं पति संजीव, बेटी नियोनिका व बेटे शोर्य ने खाना खाया। खाना खाने के करीबन एक घण्टे बाद अचानक सभी बेहोश हो गए और वह अर्धमूर्छा हालत में थी। कुछ समय बाद करिशमा ने घर का दरवाजा खोला। बाद में 4 व्यक्ति अंदर आये और घर में तलाशी लेना शुरु कर दिया। बदमाशों ने बेटी नियोनिका को रस्सी से बांध छेड़छाड़ की। कुछ समय पश्चात मैं भी पूर्णतया बेहोश हो गई। सुबह सभी को हॉस्पीटल में होश आया।

खुलासे के लिए टीम का गठन
प्रकरण की गम्भीरत को देखते हुए एसपी गोयल ने मामले के त्वरित अनुसंधान व घटना में लिप्त अज्ञात बदमाशों का पता लगाने के निर्देश देकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश ओझा, सीओ कैलाशचन्द्र खटीक के सुपरविजन एवं एसएचओ सुखेर हिमाशु सिंह राजावत के निर्देशन मे थाने की टीम गठित की गई। 

जिले में कार्यरत कई नेपाली चौकीदार व घरेलू नौकरो से की गई पूछताछ
पुलिस टीम द्वारा मौके पर पहुंच कर अनुसंधान प्रारम्भ किया गया। आस पास के नेपाल निवासी जो चौकीदारी तथा घरेलू काम करते है, उनसे पता लगाने का प्रयास किया गया। जिस प्लेसमेन्ट एजेन्सी द्वारा उक्त महिला करिश्मा को नौकरी पर लगया था उसी के द्वारा नौकरी पर लगाये गये अन्य नेपाली व्यक्तियों से पूछताछ की गई। पुलिस द्वारा तकनीकी संसाधनों का उपयोग करते हुए करिश्मा के पास मौजूद मोबाइल के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि उक्त मोबाईल नम्बर मुम्बई का है। जिस पर एक टीम एसआई धनपत सिंह के नेतृत्व में मुम्बई रवाना की गई। 

200 से अधिक सीसीटीवी फुटेज चेक कर वाहन को किया चिन्हित
पुलिस द्वारा थानाधिकारी के नेतृत्व में टीम द्वारा घटनास्थल से उदयपुर से बाहर जाने वाले सभी रास्तों, विभिन्न होटलों व टोल नाकों के 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरा चैक कर घटना में प्रयुक्त वाहन एर्टिगा को चिन्हित किया गया। अभियुक्त घटना स्थल से पैदल निकल सेलिब्रेशन मॉल के सामने से खड़ी उक्त एर्टिगा कार में बैठे थे। उक्त कार प्रयागराज उत्तरप्रदेश निवासी पंकज मिश्रा के नाम पर है।

मुंबई,दिल्ली,प्रयागराज भेजी गई टीम
इसी दौरान मुम्बई गई टीम द्वारा जांच की गई तो सामने आया कि संदिग्ध मोबाईल जो करिश्मा उपयोग में लेती थी वह मुम्बई से चोरी हुआ है। वाहन की जानकारी के लिये मुम्बई गई टीम प्रयागराज पहुंची। इधर अभियुक्त करिश्मा के सम्पर्क दिल्ली में होना सामने आने पर एक टीम एसआई कर्मवीर सिंह के नेतृत्व में दिल्ली भेजी गई। 

गुरुग्राम से किया गया 5 लाख के ईनामी को गिरफ्तार
विभिन्न टीमों द्वारा की जा रही इन सभी कार्रवाई को एसपी गोयल, एएसपी ओझा तथा सीओ कैलाश चन्द्र मॅनिटरिंग कर रहे थे। तकनीकी संसाधनों तथा आसूचना संकलन से सामने आया कि घटना का मुख्य षड्यंत्रकर्ता वर्तमान में गुरूग्राम में है तथा अन्य घटना करने की फिराक में है। इस सूचना पर एसएचओ हिमांशु सिंह के नेतृत्व में गुरूग्राम पहुंची टीम द्वारा विभिन्न जगह छापामारी/दबिश दी गई। गुरूग्राम सेक्टर 31 पर ईफको चौक पर घेराबन्दी कर अभियुक्त वीर बहादुर उर्फ बल बहादुर को पकड़ा गया। उसकी निशानदेही से अन्य अभियुक्त हीरा सिंह को नोएडा से पकड़ कर पूछताछ की तो सामने आया कि उक्त दोनों ने ही वारदात करने का प्लान बनाया। 

लक्ष्मी को करिश्मा बनाकर भेजा था
नेपाल से जिस महिला को बुलाया उसका असली नाम करिश्मा की बजाय लक्ष्मी है। नेपाल बॉर्डर के आस पास उक्त बदमाशों के होने की सम्भावना पर एक टीम एसआई धनपत सिंह के नेतृत्व में नेपाल बॉर्डर रवाना की गई। टीम ने नेपाल जाकर तलाश करने का प्रयास किया, लेकिन सभी अभियुक्त अपने घरों से गायब मिले।

प्लेसमेंट एजेंसी के मार्फ़त लगाया था काम पर, इशारा देते ही नेपाल से बुलाए छह बदमाश
अभियुक्त वीर बहादर तथा हीरा सिंह से अनुसंधान पर सामने आया कि उक्त दोनों ने प्लान कर प्लेसमेन्ट एजेन्सी संचालक संजोक नाम के व्यक्ति से मिलकर लक्ष्मी उर्फ करिश्मा को संजय गांधी के यहां पर काम पर लगाया। उसके बाद नेपाल से अपने साथी दिनेश, मिथुन, कांचा उर्फ सुरेन्द्र, सन्नी, शिवा, राहुल को बुला घटना करने के लिये भेजा। इन सभी को भेजने के लिये अपने पूर्व परिचित अफजल को कार लेकर बुलाया। डकैती की वारदात करवा कर सभी 6 अभियुक्तों को बनवासा बॉर्डर पर छोड़ दिया जहां से वे नेपाल चले गये। पुलिस ने आरोपी ड्राइवर अफजल निवासी दिल्ली को भी पकड़ लिया।

निजामुद्दीन में एक डॉक्टर के घर डकैती करते समय की हत्या
तीनों अभियुक्तों को उदयपुर लाकर पूछताछ के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बदमाशों से पूरे देश में की गई और भी कई वारदातों का खुलासा होने की सम्भावना है। मेरठ में 7 करोड़ की डकैती के मामले में वांछित 5 लाख का इनामी वीर बहादुर के कब्जे से बेहोशी के लिये दी जाने वाली दवाई भी जब्त की गई है। इसी नेपाली गैंग द्वारा निजामुद्दीन में एक डॉक्टर के घर डकैती करते समय हत्या की थी, जिसका प्रकरण अनुसंधानाधीन है। 

तरीका वारदात
इन बदमाशों द्वारा घर में घरेलू नौकर की जरूरत वाले घरों में नेपाल से बुलाकर कोई लडकी/व्यक्ति नौकर के रूप में रख देते। कुछ दिनों तक काम करने के बाद अगर घर में नकद/सोना चांदी के जेवरात रखने की जगह देख लेते तथा किसी दिन घरवालों को खाने बेहोशी की दवा मिलाकर दे देते जिस पर घर वाले बेहोश हो जाते तथा अभियुक्त वारदात कर फरार हो जाते तथा नेपाल जाकर छिप जाते। कुछ दिनों बाद वापस भारत आकर अन्य घर को निशाना बनाकर चोरी करते। किसी मकान पर अधिक धनराशि/जेवर होने की सम्भावना नहीं होने पर उस घर को किसी बहाने से छोड देते तथा अन्य शिकार की तलाश में निकल जाते। अभियुक्तों ने दिल्ली, गुरूग्राम व मुम्बई के जुहू क्षैत्र में वारदातें करना स्वीकार किया है।

इन्होंने वर्तमान में हरियाणा तथा दिल्ली में लोगों के घरों पर चोरी करने के लिये नौकर लगा रखे है जहां मौका मिलते ही चोरी करने वाले थे। उक्त स्थानों के सम्बन्ध में सम्बन्धित राज्य की पुलिस को सूचित कर दिया गया है। 

संगठित गिरोह बना तीन स्तर पर टीमें बना करते है अपराध

  • अभियुक्त संगठित गिरोह बनाकर तीन स्तर पर अलग – अलग टीमें बनाकर अपराध करते है। पहली टीम प्लेसमेन्ट एजेन्सी बनाकर लडके/लडकी को नौकरी पर रखते है, ट्रेनिंग देते है तथा चोरी किये गये मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर पूरी घटना करवाते है।  
  • भेजे गये लडके/लडकी से हर दो – तीन दिन में घर वालों के बारे में जानकारी प्राप्त करते है तथा उक्त घर की स्थिति, नशा, पार्टी करने आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करते है। उक्त घर पर कितना नकद/जेवरात आदि उपलब्ध है, इस बारे में पता करते है।
  • सही समय देखकर नेपाल से एक टीम बुलाकर ड्राइवर के साथ मौके पर भेजकर डकैती करवा देते है तथा पहचान छुपाकर नेपाल बॉर्डर क्रॉस करवा देते है।

एक अपराध के बाद दूसरे अपराध की तैयारी शुरू कर देते हैं
उक्त सभी बदमाश पश्चिम नेपाल के दो तीन जिले में फैले हुए है। उक्त लोग गैंग बनाकर भारत में आते है। उक्त गैंग के विरूद्ध भारत के विभिन्न राज्यों में दर्जनों केस लम्बित है। उक्त बदमाश इतने दुस्साहसी है कि एक अपराध के बाद लगातार दूसरे अपराध की तैयारी कर लेते है तथा ये सभी लोग नेपाल के धनगढी, डोटी, महेन्द्रनगर जिलों में निवास करते है। वांछित नौकरानी करिश्मा उर्फ लक्ष्मी नेपाल की छंटी हुई बदमाश है तथा जूडो कराटे में ब्लैक बैल्ट होकर एक पुरूष की तरह ही मजबूती से अपराध करने में सक्षम है।

 वारदात के खुलासे और गिरफ्तारी में शामिल टीम सदस्य
आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली टीम में एसएचओ हिमाशुसिंह राजावत, एसआई धनपत सिंह, कर्मवीर सिंह, रेणु खोईवाल, एएसआई सरदार सिंह, हैड कांस्टेबल सुनील बिशनोई, जगदीश मेनारिया, मनमोहन, कांस्टेबल अचलाराम, भंवर लाल, धनराज, भारतसिंह, उमेश, श्रवण बिशनोई, हिमांशु, प्रतापसिंह व सुमेर एवं साईबर सैल से एसआई फैली राम, एएसआई गजराज सिंह व कांस्टेबल लोकेश रायकवाल शामिल थे।

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