राजस्थान पल्स न्यूज
राजस्थान एक विविधताओं का प्रदेश है जहाँ पर कही तो बंजर रेतीले टीले है तो कही पर अरावली की हरी भरी पहाड़िया। राजस्थान ऐतिहासिक किलो, महलो, वास्तुकला एवं संस्कृति से पर्यटको के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है अगर आप प्रकृति, हरियाली, पहाड़ो, झरनो, सब का आनंद एक साथ उठाना चाहते है तो राजस्थान के मारवाड़ और मेवाड़ की अरावली की वादियों में बसे “हिल स्टेशन ” गोरम घाट का भ्रमण अवश्य करना चाहिए।
क्यों प्रसिद्ध है गोरम घाट ?
गोरम घाट राजस्थान के राजसमंद जिले के देवगढ़ के कछबली गांव के पास स्थित है। यह अरावली पहाड़ियों से होकर 900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक पहाड़ी इलाका है। अपनी मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता, शांतिपूर्ण झरनों और विविध वन्य जीवन के कारण गोरमघाट को “राजस्थान का छोटा कश्मीर” का उपनाम मिला है। ट्रेन से ही इस मुश्किल घाट सेक्शन तक पहुंचा जा सकता है। ट्रेन एक एडवेंचर वाले मार्ग से होकर गुजरती है जो 2 सुरंगों और 172 छोटे और बड़े पुलों को पार करती है। गोरम घाट के लिए रेल ट्रैक का निर्माण 1932 में अंग्रेजों द्वारा किया गया था। गोरम घाट तक जाने वाली ट्रेन अंग्रेजों के जमाने की बनी मीटर गेज लाइन से होकर गुजरती है रेलवे ट्रैक का बना पुल इंजिनीरिंग का एक चमत्कार है।
गोरम घाट कब और कैसे पहुंचे ?
गोरम घाट जाने का आदर्श समय मानसून के मौसम के दौरान है, क्योंकि हरा-भरा मौसम इस स्थान की प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ा देता है। बाकी गर्मी में भी यहाँ का मौसम सुहावना रहता है। गोरम घाट घूमने के लिए आप राजस्थान के तीन रेलवे स्टेशनों से होकर यहां पहुंच सकते हैं। मारवाड़ जंक्शन, मावली जंक्शन या फुलाद जंक्शन मावली से मारवाड़ चलने वाली गाड़ी लगभग 12:30 बजे गोरम घाट पहुँचती है और मारवाड़ से वापिस 1:50 पर गोरम घाट पहुँचती है यह ट्रेन पूरे सप्ताह चलती है अगर आप ट्रेन से सफर करना चाहते है तो आपके पास गोरम घाट घूमने के लिए सिर्फ डेढ़ घंटा रहता है। दूसरा आप किसी निजी कार आदि के द्वारा भी गोरम घाट पहुंच सकते है।
प्रकृति प्रेमी और फोटोग्राफी लिए प्रसिद्ध है गोरम घाट
अगर आप प्रकृति प्रेमी है और फोटोग्राफी का शौख रखते है तो आपको गोरम घाट में वन्य जीव, घने जंगल, छोटे छोटे झरने, पहाड़ आदि मिल जायेंगे जो आपके सफर को रोमांचक बना देंगे यहाँ पर एडवेंचर पसंद लोगो के लिए ट्रेकिंग भी उपलब्ध है । गोरम घाट पर 50 फ़ीट चौड़ा झरना है जिसे जोगमंडी झरने के नाम से जाना जाता है गोरम घाट रेलवे स्टेशन का ट्रैक पीछे से गोरखनाथ मंदिर तक जाता है. यह ट्रैक पुराने फुलाद के प्राचीन गांव के पास बागोर की नाल ब्रिज तक जाती है.ट्रैक के साइड-साइड में पैदल चलने के लिए ब्रिज का निर्माण किया गया है। इस ब्रिज से गोरम घाट के हसीन नजारों को देख सकते हैं। ब्रिज पर खड़े होकर फोटोग्राफी भी कर सकते हैं। यहां आने के बाद ऊंची पहाड़ियां, बादलों का डेरा और ऊंचे झरने आपका दिल जीत लेंगे और हर लम्हें को यादगार बना देंगे।