रानी जोशी, राजस्थान पल्स न्यूज़
खेलो के नाम से एक पंक्ति अक्सर याद आ जाती है “हेल्थ इज वेल्थ” क्योंकि खेलों का महत्व हमारे स्वास्थ्य से जुड़ा है | खेल को एक तरह का व्यायाम कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगा। वहीं 19 वीं सदी से पहले क्रिकेट, बैडमिंटन, हॉकी, टेनिस टेबल जैसे खेल तो नहीं थे लेकिन उस समय भी लोग मनोरंजन या व्यायाम के नाम पर कई खेल खेलते थे जिसमें कुश्ती, दौड़, शतरंज, तीरंदाजी, भाला फेकना, तलवारबाजी, मुक्केबाजी आदि खेल थे। 19वीं सदी तक आते-आते भारत में कई खेलो की शुरुआत हुई जिसमें हॉकी ऐसा पहला खेल था जिसे अधिकारिक तौर पर आयोजित किया गया।
राष्ट्रीय खेल दिवस का इतिहास
राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त को हॉकी के “हॉकी विज़ार्ड” और “द मैजिशियन” नाम से प्रसिद्ध दिग्गज मेजर ध्यानचंद सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है जो हॉकी के खेल में सबसे लोकप्रिय नामों में से एक है। मेजर ध्यानचंद सिंह 29 अगस्त 1905 को प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में जन्मे, उन्होंने ब्रिटिश भारतीय सेना के साथ अपने करियर की शुरुआत की।
उनका करियर 1926 से 1948 तक चला और इस दौरान भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले 185 मैचों और 400 से अधिक गोल करने के बाद वे अब तक के सबसे महान हॉकी खिलाड़ियों में से एक बन गए। उनके कौशल ने दुनिया को मंत्रमुग्ध कर दिया, 1928, 1932 और 1936 में भारत को लगातार तीन ओलंपिक हॉकी स्वर्ण पदक दिलाए।
खेल जगत में उनके अद्वितीय योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने 2012 में उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में घोषित किया ।
खेलो का महत्व
खेल हमारे शारीरिक विकास के साथ हमारे मानसिक तनाव को कम करने और सामाजिक सम्बन्ध बनाने में भी मदद करता है दिन के एक घंटे खेल को समय देने वाला व्यक्ति मानसिक रूप से ज्यादा स्वस्थ और शारीरिक रूप से ज्यादा ऊर्जावान होता है। खेल एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे समाज बिना जाति और भेदभाव के एक दूसरे से जुड़ जाता है और यही भावना एकजुटता के रूप में उजागर होती है हालांकि आज के समय में युवाओ के लिए समय निकलना थोड़ा मुश्किल हो गया है लेकिन जो लोग खेलो में रूचि रखते है, वो अपने बच्चो को खेलो के लिए प्रोत्साहित करते है। खेलो को पारिवारिक गतिविधि के रूप में भी खेला जा सकता है जब आप खुद किसी खेलो में भाग लेते है। सक्रिय रहते है तो बच्चे भी टीवी के आगे बैठकर सुस्त नहीं रहना चाहते वो भी आपके खेलों में जुड़ जाते है इससे भावनात्मक जुड़ाव बढ़ता है।
बच्चों में डाले खेलने की आदत
“कई माता-पिता को यह गलतफहमी है कि खेल खेलने से उनके बच्चे की पढ़ाई में बाधा आ सकती है। हालाँकि, यह सच नहीं है। खेल एक बेहतरीन मनोरंजक गतिविधि है जो आपके बच्चे को तरोताज़ा करती है और उनकी ऊर्जा को भी बढ़ाती है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने बच्चे को रोज़ाना खेल खेलने दें और उनकी ताकत, शक्ति और लचीलेपन में सुधार करें,”।
खेल करता है तनाव को दूर
अगर आप अपने नौकरी या व्यवसाय में व्यस्त है और बाहर जाकर मैदान में खेल नहीं सकते तो आप घर में ही शतरंज, केरेम बोर्ड , लूडो आदि खेलो में शामिल हो सकते है जो आपके तनाव को कम करने में मदद करेंगे अगर खुद के लिए एक घंटा नहीं निकाल सकते तो रोज ऐसे ही किसी खेल में शामिल होने के लिए 15 मिनट का समय जरूर निकाले ।
राष्ट्रीय खेल दिवस पर कुछ खास लोगों के विचार
“अगर मैं, दो बच्चों की मां होने के नाते, पदक जीत सकती हूं, तो आप सब भी जीत सकते हैं। मुझे एक उदाहरण के रूप में लें और हार न मानें.” – मैरी कॉम
“जब लोग आप पर पत्थर फेंकते हैं, तो आप उन्हें मील के पत्थर में बदल देते हैं.” – सचिन तेंदुलकर
“मैं एक ऐसा सपना जी रहा हूं जिससे मैं कभी जागना नहीं चाहता” – विराट कोहली
“आपके सपने ही आपके व्यक्तित्व को परिभाषित करते हैं. उनमें आपको पंख देने और ऊंची उड़ान भरने की शक्ति है” – पीवी सिंधु
“मेरे पास एक ही हुनर है। मैं किसी और से ज्यादा मेहनत कर सकता हूं” – अभिनव बिंद्रा