कप्तान हरमनप्रीत सिंह और कुमार वरुण के दो-दो गोलों की बदौलत भारत ने एशियाई चैंपियन्स ट्रॉफी में गुरुवार को चीन को 7-2 से रौंदकर अपने अभियान का विजयी आगाज़ किया।
मेयर राधाकृष्णन स्टेडियम पर पहली बार अंतरराष्ट्रीय मैच खेलते हुए हरमनप्रीत ने छठे और नौंवे मिनट में गोल किया, जबकि वरुण ने 19वें और 30वें मिनट में गोल दागे। इसके अलावा सुखजीत सिंह (15वां मिनट), आकाशदीप सिंह (16वां मिनट) और मनदीप सिंह (40वां मिनट) ने भी एक-एक गोल किया। चीन के गोल वेनहुई ई (18वां मिनट) और जीशेंग गाओ (25वां मिनट) ने किये।
भारतीय टीम ने 15 साल बाद चेन्नई में अंतरराष्ट्रीय हॉकी के आगमन को एक यादगार क्षण बनाया। एग्मोर के मेयर राधाकृष्णन स्टेडियम में भारतीय टीम की वापसी को अनुभव करने आये दर्शकों को पहले क्वार्टर से ही मेज़बानों का वर्चस्व देखने को मिला।
भारत ने शुरुआती 15 मिनटों में कुल पांच पेनल्टी कॉर्नर अर्जित किये। इनमें से दो को हरमनप्रीत ने और एक को सुखजीत ने गोल में तब्दील किया। दूसरे क्वार्टर के तीसरे मिनट में वेनहुई के फील्ड गोल के अलावा भारत का दबदबा जारी रहा। क्वार्टर के पहले ही मिनट में आकाशदीप ने एक फील्ड गोल किया। गाओ ने 25वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर पर चीन का दूसरा गोल किया लेकिन हाफ टाइम से पहले वरुण ने दो पेनल्टी कॉर्नरों को गोल में बदलते हुए भारत की बढ़त 6-2 कर दी।
हाफ टाइम के बाद चीन ने अधिक अनुशासन दिखाया और भारत को सिर्फ दो पेनल्टी कॉर्नर अर्जित करने दिये। चीन के गोलकीपर वांग वीहाओ ने 33वें मिनट में पहले हरमनप्रीत के ड्रैगफ्लिक को रोका, और फिर आकाशदीप की कोशिश को बेअसर किया। मनदीप ने हालांकि 40वें मिनट में अमित रोहिदास की मदद से भारत का सातवां गोल कर दिया।
दूसरी ओर, चीन 44वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर का लाभ नहीं ले सका और चौथे क्वार्टर में 2-7 से पिछड़ा रहा। वीहाओ की सराहनीय गोलकीपिंग के कारण भारत आखिरी क्वार्टर में कोई गोल नहीं कर सका, हालांकि अंतिम मिनटों में चीन की ओर से भी वापसी के लिये कोई संघर्ष देखने को नहीं मिला।
इस विशाल जीत के बाद भारत का अगला मुकाबला शुक्रवार को जापान से होगा। चीन इस करारी हार से उभरते हुए मलेशिया का सामना करेगी।