बीकानेर, राजस्थान पल्स न्यूज़
हजरत इमाम हुसैन (रजि0) की याद में आज शाम नगर में ताजिये निकलेंगे। देर रात तक ताजियों की जियारत का दौर चलता रहेगा। मोहर्रम को लेकर आज रात को अलग-अलग मुस्लिम मोहल्लों में ताजिये निकाले जाएंगे। जिनके आगे लोग जियारत करेंगे। कल शाम को ताजियों का जुलूस निकाला जाएगा। इस दौरान अलग-अलग कर्बला में ताजियों को दफन किया जाएगा। लेकिन जो मिट्टी बने है, उन्हें उसी स्थान पर ठंड़ा किया जाएगा। मोहर्रम से पूर्व इन दिनों अलग-अलग मोहल्लों में अखाड़े चल रहे हैं। जहां पर शौर्य का प्रदर्शन किया जा रहा है। साहित्यकार अश्फाक कादरी के अनुसार इस बार भी सर्वाधिक ताजिये मोहल्ला चूनगरान में बनाए गए है।
कला का अनूठा नमूना पेश करते हैं
बीकानेर के कलाकारों की ओर से तैयार किए जा रहे ताजिये कलात्मक शैली की मिसाल पेश कर रहे हैं। इस बार भी बीकानेर के कलाकारों ने बेहद खूबसूरत और कलात्मक ताजिये तैयार किए है। इसमें सरसो, रूई, गत्ते, लकड़ी, मिट्टी के एक से बढ़कर एक ताजिये बनाए गए हैं, जो हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं। वहीं बीकानेर की उस्ता कला विश्वविख्यात है। खासकर नक्काशी तो देखते ही बनती है। उस्ता आर्ट के कलाकार अनूठे कलात्मक ताजिये तैयार करते हैं। अलग-अलग मोहल्लों में बनाए गए ताजिये लोगों के आकर्षण का केन्द्र है। इसमें हाफिज फरमान अली का सरसों का हरियल ताजिया विषेश आकर्षण का केन्द्र रहेगा। मौहल्ला उस्तान में मुगल कला की छाप छोड़ता ताजिया, सोनगिरी कुआं क्षेत्र में मिटटी के ताजिया, लक्ष्मीनाथ मंदिर रोड पर रूई का ताजिया बनाया गया है। इसी तरह मौहल्ला न्यारियान, तेलीवाड़ा, दाउजी मंदिर, महावतपुरा, कस्साबान, फड़बाजार, पठानों का मौहल्ला, दमामियान, हमालान, धोबीतलाई, सर्वोदय बस्ती, भिश्तियान, गुर्जरान मोहल्लों के ताजियों की जियारत होगी। जहां मौहल्ला कमेटियों ने पूरे मार्गो में प्रकाश व्यवस्था के साथ जायरीनों की भीड़ को नियंत्रण और मार्गदर्शन के पुख्ता इंतजाम किए है। मुहर्रम के अवसर पर छोटे बच्चों में उत्साह देखने को मिल रहा है। बच्चों ने छोटे ताजिये ”मेहन्दी” बनाए है।
होगा सबील का वितरण
कादरी ने बताया कि मुहर्रम के अवसर पर कई मोहल्लों में कमेटियों की ओर से शरबत, सबील, हलीम, शीतल जल, हलवा, खीर, चाय इत्यादि का वितरण किया जाएगा।
शहादत पर पढ़े जाएंगे मर्सिया
अश्फाक कादरी के अनुसार सन 61 हिजरी में कर्बला के मैदान में हजरत इमाम हुसैन और उनके परिजनों, जांनिसारो की शहादत ओर शुजाअत पर मर्सिया पढ़े जाएंगे।