बीकानेर, राजस्थान पल्स न्यूज़
सावन (श्रावण) का महीना शिव आराधना के लिए विशेष है। भगवान शिव को यह महीना अत्यंत प्रिय है आज श्रावण माह का दूसरा सोमवार है। श्रद्धालु भगवान शंकर को दूध, जल, चीनी, शक्कर, घी का अभिषेक कर रिझा रहे हैं। शिवालयों में सुबह से ही हर-हर महादेव की गूंज है। रुद्राभिषेक के वेद मंत्र कानों में शिव भक्ति की मिठास घोल रहे हैं। शहर से लेकर गांवों तक यह लोग भगवान शंकर का पूजन कर मन्नतें मांग रहे। मंदिरों में आज विशेष शृंगार होंगे। कई मंदिरों में विशेष झांकियां भी सजाई जाएगी। पूजा-अर्चना और अभिषेक का सिलसिला देर रात तक चलेगा।
छोटीकाशी बीकानेर में भगवान शिव के कई प्राचीन मंदिर है। यहाँ हम बीकानेर के 18 मंदिरों के बारे में जानकारी दे रहे है, जहां आप इस सोमवार या पूरे सावन में कभी भी विशेष दर्शन और पूजा-अर्चना का लाभ उठा सकते है। आप मंदिर के नाम पर क्लिक करके मंदिर की लोकेशन गूगल मैप पर भी देख सकते है जिससे आपको स्थान ढूँढने में आसानी हो।
लालेश्वर महादेव मंदिर : शिवबाड़ी में स्थित रियासतकालीन प्राचीन शिव मंदिर है। जहां पर सावन माह में दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ी है। श्रद्धालु दर्शन कर लाभ उठा सकते है। वहीं इसी परिसर में और भी कई शिव मंदिर है। यहां सावन माह में मेला भी भरता है।
देवीकुंड सागर : सागर गांव में स्थित शिव मंदिर है। यह भी रियासतकालीन है। सागर परिसर में ही डूंगरेश्वर महादेव सहित कई शिव मंदिर है। जहां आप पूजन कर सकते हैं।
बारह महादेव : कोलकाता महानगर में 12 महादेव मंदिर ख्यातिनाम है। उसी तर्ज पर बीकानेर में हनुमान हत्था स्थित 12 महादेव मंदिर भी अपनी पहचान रखता है। यहां पूजा का खास महत्व है।
मार्केण्डेयश्वर मंदिर : लालगढ़ में रेलवे वर्कशॉप के समीप स्थित यह मंदिर भी रिसायकालीन है। यहां प्राचीन शिवलिंग पर जलाभिषेक कर लोग भगवान शंकर को रिझाते हैं। सावन माह में पूजा-अर्चना करते हैं।
रामेश्वरनाथ महादेव : जस्सूसर गेट बाहर, जवाहर नगर के समीप स्थित रंगोलाई में रामेश्वरनाथ का प्राचीन मंदिर है। यहां सावन माह में विशेष अनुष्ठान होते हैं। आमजन भी रंगोलाई में जाकर शिव पूजन कर सकता है।
धरणीधर महादेव : श्रीरामसर रोड पर स्थित यह मंदिर शहर से समीप है। भव्य मंदिर, आकर्षक तालाब, मंदिर परिसर की सुन्दरता देखते ही बनती है। सावन माह में यहां भी भक्तों का तांता लगता है। यहां भी श्रद्धालु पूजा अर्चना कर सकते हैं।
काशीविश्वनाथ महादेव : देश में बनारस का काशीविश्वनाथ मंदिर प्रसिद्ध। लेकिन बीकानेर में करमीसर रोड पर स्थित बाबा काशीविश्वनाथ मंदिर प्राचीन है। इसे संसोलाव के नाम से भी जाना जाता है। यह भी शहर से ज़्यादा दूर नहीं है। यहां पहुंचकर आप शिव पूजन का लाभ ले सकते हैं।
अमरेश्वर महादेव : श्रीरामसर रोड पर स्थित प्राचीन मंदिर जिसे हर्षोल्लाव के नाम से ख्याति प्राप्त है। शहर के समीप है, इस मंदिर में सावन माह में खास पूजन अभिषेक का दौर चलता है। यहां जाकर आम श्रद्धालु जलाभिषेक कर सकता है।
महानंद महादेव : श्रीरामसर रोड पर ही बाबा महानंद का मंदिर है। जहां पर प्राचीन शिवलिंग है। यहां पर आमजन जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक करते है। यहां पर दो यज्ञ शालाएं भी है।
ब्रह्म सागर : डूडी पैट्रोल पंप के पीछे, अन्त्योदय नगर में स्थित है। यह प्राचीन शिव मंदिरों में शुमार है। यहां सावन माह में श्रद्धालु पूजा अभिषेक कर सकते हैं।
जनेश्वर महादेव मंदिर : भीतरी परकोटे में दम्माणी चौक के समीप, जस्सोलाई पर स्थित यह प्राचीन मंदिर वर्षों से दर्शनार्थियों को अपनी और खींचता है। इस मंदिर परिसर में शिव परिवार के कई छोटे-बड़े मंदिर है।
नाटेश्वर महादेव : मोहता चौक से बड़ा बाजार की तरफ जाने वाले रास्ते, मरुनायक चौक में स्थित नाटेश्वर महादेव मंदिर में पूजा का खास महत्व बताया गया है। यहां पर महिलाएं और बालिकाएं भी पूजन करती है।
गोपेश्वर-भूतेश्वर महादेव : बीकानेर से गंगाशहर की ओर जाने वाले रास्ते में गोपेश्वर बस्ती के समीप ही भगवान गोपेश्वर का एक प्राचीन मंदिर स्थित है। जहां पर सावन माह में विशेष अनुष्ठान होते हैं। इसी के समीप ही बाबा फक्कडेशवर मंदिर भी है।
जबरेश्वर महादेव : भीतरी परकोटे के बारहगुवाड़ चौक में स्थित प्राचीन शिव मंदिर है। जहां पर नियमित पूजन होता है। सावन माह में आमजन यहां पर पूजन कर सकते हैं।
कसौटीनाथ महादेव : नाथ सागर, सूर्य कॉलोनी में स्थित है। प्राचीन शिव मंदिर में नियमित पूजा-अर्चना के साथ ही सावन माह में विशेष पूजन होता है।
भूतनाथ : जैसलमेर रोड स्थित भूतनाथ मंदिर प्राचीन है। मुख्य रोड पर होने से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
कैदारनाथ : बीकानेर के उपनगर गंगाशहर में बाबा कैदारनाथ का मंदिर बनाया गया है। जहां सावन माह में दर्शनार्थियों का तांता लगा रहता है। मंदिर नया और भव्य होने के कारण दर्शनार्थियों के आकर्षण का केन्द्र है।
चेतन महादेव : जयपुर रोड स्थित चेतन महादेव मंदिर प्राचीन है। जहां पर सावन माह में पूजा-अर्चना का सिलसिला चलता है।
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