Wednesday, November 27

बीकानेर, राजस्थान पल्स न्यूज।

“हिंडोरे माई झूलत हैं नंदलाल, गावत सरस सकल, हिंडोरे माई झूलत लाल बिहारी, संग झूले बृषभान…सरीखे के पदों से अब वैष्णव संप्रदाय पुष्टिमार्गी मंदिर गूंज रहे हैं। अवसर है झूला मनोरथ का। श्रावण माह में ठाकुरजी झूला झलते है। ऐसी मान्यता है। यही वजह है कि इन मंदिरों में इस माह में हिंडोरा के विशेष मनोरथ होते हैं। कई मंदिरों में श्रावण शुरू होते ही शुरू हो गए थे, कइयों में तिथि के अनुसार शुरू होते हैं। यह झूला मनोरथ 22 अगस्त तक चलेगा।

पुष्पों से लेकर मेवों तक के झूले
झूला मनोरथ में ठाकुरजी अलग-अलग तरह के पुष्पों के झूलों में विराजेंगे। साथ ही ठाकुरजी के झूलों को पंच मेवा(ड्राईफ्रुट), काली घटाएं, फल-सब्जियां, सिक्कों, रुई सहित कई तरह से सजाए जाएंगे।  झूला मनोरथ के दर्शन करने के लिए दर्शनार्थियों की कतारें लगती है। शाम को निर्धारित समय के लिए दर्शन खुलते हैं।

इन मंदिरों में मनोरथ
बीकानेर में दाऊजी मंदिर, रतन बिहारी मंदिर, मदनमोहनजी, द्वारिकाधीश, बिट्‌ठलनाथ मंदिर सहित पुष्टीमार्गी मंदिरों में विशेष मनोरथ चल रहे हैं। दाऊजी मंदिर के मुख्य अधिकारी ब्रजभूषण गोस्वामी के अनुसार यह मनोरथ पूरे श्रावण माह चलेगा। इसमें अलग-अलग तरह के झूले ठाकुरजी के लिए तैयार किए जाएंगे। अभी पुष्पों के झूलों का मनोरथ चल रहा है। वहीं द्वारिकाधीश मंदिर के मुखिया दुर्गादत्त और माधव व्यास ने बताया कि मंदिर में एकादशी से झूला मनोरथ शुरू हुआ है, यह 22 अगस्त तक चलेगा। इसमें वस्त्रों, काली घटाओं, मेवों, पुष्पों और फलों के झूलों का मनोरथ होगा।

हिंडोरा पदों से रिझा रहे हैं
ठाकुरजी को इन दिनों हिंडोरा के पदों से रिझाया जा रहा है। कीर्तनकार पंडित नारायण रंगा, दामोदर तंवर, ब्रजभूषण गोस्वामी सरीखे कलाकार ठाकुरजी को हिंडोरा पद सुनाकर रिझा रहे हैं।

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