Monday, September 23

सीकर, राजस्थान पल्स न्यूज़

बकाया कमीशन देने, मासिक मानदेय बढ़ाने सहित चार मांगों को लेकर राशन विक्रेता आक्रोश में है। इसको लेकर प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन भी किया जा रहा है। अब राशन विक्रेताओं ने सरकार को दो टूक में चेतावनी दी है, यदि सरकार मांगे नहीं मानेगी, तो एक अगस्त से प्रदेशभर में हड़ताल की जाएगी।

राजस्थान राज्य राशन विक्रेता संघर्ष समिति के तत्वावधान में राशन विक्रेता अपना रोष जाहिर कर  रहे हैं।  मंगलवार को सीकर जिला मुख्यालय सहित जिले के सभी उपखंड कार्यालय पर राशन विक्रेताओं ने मासिक मानदेय 30 हजार रुपए करने और बकाया कमीशन देने सहित चार सूत्री मांगे रखी। इसको लेकर जिला कलेक्ट्रट व उपखंड कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। बाद में सीएम के नाम पर कलक्टर को ज्ञापन दिया।

राशन विक्रेता संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष माणक चंद ढाका के अनुसार पूर्व में भी मुख्यमंत्री के नाम राशन विक्रेताओं की ओर से  मांग पत्र भेजा गया था। लेकिन ना तो राजस्थान सरकार ने और ना ही खाद्य विभाग के अधिकारियों ने  इन मांगों पर संज्ञान लिया। मजबूरन एक बार फिर से मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र कलेक्टर को दिया गया है। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि ‘हमारा मुख्य मुद्दा मानदेय का है, जिसमें राशन विक्रेताओं को प्रतिमाह 30 हजार रुपए मानदेय दिया जाए।

बीकानेर में भी असंतोष

बीकानेर जिले में संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष घनश्याम आचार्य ने कहा मानदेय बढ़ाने के साथ ही राशन में प्रति क्विंटल दो प्रतिशत छीजत देने, बीते 6 माह से बकाया पड़ा राशन विक्रेताओं का कमीशन दिलाने सहित मांगे है।  सरकार की ओर से प्रावधान है कि राशन डीलरों को एडवांस में कमीशन दिया जाए।  

तो एक अगस्त से हड़ताल पर उतर जाएंगे

राशन विक्रेता संघर्ष समिति ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार  मांगे नहीं मानती है तो  1 अगस्त से पूरे राजस्थान की राशन की दुकाने पूरी तरह से बंद रहेगी। उन्होंने कहा, ‘राशन विक्रेताओं की दुकान तभी खुलेगी जब सरकार हमारी शतप्रतिशत मांगे मानेगी। कसी भी दबाव में काम नहीं करेंगे। संघर्ष समिति के अनुसार राशन विक्रेताओं की बदतर हो गई है, कमीशन नहीं मिलने से आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।

इन मांगों को लेकर है खफा

  • राशन विक्रेताओं को प्रतिमाह 30 हजार रुपए करने।
  • गेहूं पर 2 प्रतिशत छीजत दी जाए क्योंकि जो गेहूं राशन की दुकानों पर आता है, उसमें एफसीआई से काफी कम तौल बैठता है।
  • बीते पांच-छह माह से राशन विक्रेता का केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा दिया गया कमीशन नहीं मिला। इस कारण राशन विक्रेताओं को आर्थिक संगठन से गुजरना पड़ रहा है।
  • आधार सीडिंग की राशि प्रवासी योजना के तहत वितरण कराए गए गेहूं का कमीशन व ईकेवाईसी का सीडिंग का मेहनताना भी दिया जाए।

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