Saturday, September 21

देवेन्द्र शर्मा, राजस्थान पल्स न्यूज

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा एक देश, एक चुनाव पर रामनाथ कोविंद पैनल की सिफारिशों को मंजूरी दी है। जिसका मकसद लोकसभा के साथ सभी राज्यों के विधानसभा और स्थानीय निकायों का चुनाव एक साथ कराना है। जिसके लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है लेकिन इस पर विपक्ष की कई तरह आपत्तियां सामने आ रही है। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने राजसमंद दौरे के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत में जब से लोकतंत्र की स्थापना हुई तब से लेकर 1967 तक सभी चुनाव एक साथ हुआ करते थे।

उस दौरान बीच में जो सरकार सत्ता रही सरकार भंग करती रही, जिसके कारण कई सरकारें पांच साल पूरा नहीं कर सकी। उसके कारण से हर 6 महीने में, सालभर में कभी विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। तो कभी लोकसभा के चुनाव हो रहे हैं। तो कभी निकायों के चुनाव हो रहे हैं। इससे समय और पैसों की बर्बादी के साथ साथ जनता का काम समय पर नहीं होते थे। देवनानी ने कहा कि भारतीय संविधान की मूल भावना यही है कि चुनाव एक साथ हो। इस पर सरकार ने बहस प्रारंभ की है। एक देश,एक चुनाव यह एक सराहनीय कदम है। सभी पक्षों को इसका सहयोग करना चाहिए। लेकिन कुछ दल इसका विरोध कर रहे हैं और कहते हैं कि यह संभव नहीं है। इस पर देवनानी ने कहा कि सभी दल एक होकर सहयोग करें और इसकी सराहना करें ताकि जनता को राहत मिल सके। 

तो वहीं पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा राजस्थान में बढ़ाए गए जिलों के बारे में विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधा,उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने चुनावी बातों को देखते हुए और बहुत जल्दबाजी में जिले बनाए थे। इसमें कई प्रकार की विसंगतिया सामने आती है।इस पर निर्णय लेना सरकार का काम है। कई छोटे छोटे जिले बने जिसमें दो या तीन थाने हो,तीन चार जिला परिषद के सदस्य हो निश्चित रूप से विसंगतियां हैं। इन विसंगतियों को ठीक करने के निर्णय पर सरकार विचार कर रही है। इस पर वर्तमान सरकार ने एक समिति बनाई है,जिसे काम सौंपा जा चुका है। रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। लेकिन अभी मंत्री मंडलीय समिति की रिपोर्ट आनी बाकि है। रिपोर्ट आने के बाद सरकार उचित निर्णय करेगी।

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