Sunday, September 22

देवेंद्र शर्मा, राजसमंद, राजस्थान पल्स न्यूज़
नाथद्वारा में प्रतिवर्ष आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को श्रीनाथजी मंदिर के खर्च भण्डार में प्राचीन परंपरानुसार विभिन्न धान्यादी भौतिक वस्तुओं के तौल से आगामी वर्ष में पैदावार एवं व्यापार हेतु पूर्वानुमान लगाया जाता है जिसे आषाढ़ी तौलना’ कहते हैं। बता दें कि कल पूर्णिमा पर तौल कर रखे धान आदि वस्तुओं को आज सुबह ग्वाल के दर्शनों में पुनः श्रीजी के मुख्य पंड्या परेश नागर के सांनिध्य में खर्च भंडार के भंडारी प्रकाशचंद्र सनाढय, दिनेश पालीवाल व कर्मचारी की उपस्थिति में तौला गया जिसके आधार पर इस वर्ष धान्य की पैदावार में बढ़त बतायी गयी है, वर्षा सामान्य से अधिक (आषाढ़ में पांच आना, श्रावण में चार आना, भाद्रपद (भादवा) में तीन आना आसोज में चार आना ) एवं वायु पश्चिम दिशा की होगी।

गुड़ दो रत्ती, मनुष्य में आधा रत्ती सहित सभी जिंसों में बढ़ोतरी एवं पशुधन व कपास में बराबर की एवं घास में पौन रत्ती की घटोत्तरी होगी। आपको बता दें कि परम्परानुसार श्रीनाथजी मंदिर में हर वर्ष छोटे-बड़े विभिन्न पात्रों में भर कर मूंग हरा, मक्का, बाजरा, ज्वार, तिल्ली, गेहूं आदि 27 भौतिक सामग्रियों को श्रीजी के मुख्य पंड्या व खर्च भंडारी आदि की देखरेख में तौल कर खर्च भण्डार के एक कोठे में रख दिया जाता हैं। अगले दिन श्रावण कृष्ण प्रतिपदा के दिन उन सभी पात्रों में रखी वस्तुओं को पुनः श्रीजी के मुख्य पंड्या आदि के सानिध्य में तौला जाता है एवं इन में हुई वृद्धि अथवा कमी के आधार पर आने वाले वर्ष में फसलों, धन-धान्य, पशुओं के चारे, आपदाओं, वर्षा की मात्रा, वायु का रुख आदि का अनुमान लगाया जाता है जो कि कई हद तक आने वाले समय का सटीक फलित करता है।आसपास के गावों के ग्रामीण आदि इस आधार पर आगामी वर्ष में फसलों की बुवाई की तो वही कई अनाज आदि के व्यापारी अपने व्यापार में स्टॉक आदि की योजना बनाते हैं।

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