देवेंद्र शर्मा, राजसमंद, राजस्थान पल्स न्यूज़
प्रदेश में हो रही बारिश के कारण आए दिन जर्जर इमारतों के गिरने की खबरें सामने आ रही है, लेकिन ऐसा लगता है कि राजसमंद में शिक्षा विभाग की कुंभकर्णी नींद अभी तक नहीं टूटी है। तभी तो जिले में कई स्कूल जर्जर इमारतों में चल रहे हैं। जहां हर पल डर के साए में बच्चे पढ़ने को मजबूर है। कुछ ऐसी ही तस्वीर देखने को मिल रही है नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय नाथूवास में।
स्कूल के कमरों की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है की बारिश का पानी छत और दीवारों से टपकता है। कुछ जगह प्लास्टर भी गिर चुका है। स्कूल में 16 कमरे हैं, लेकिन आठ कमरों में से पांच में स्कूल और ऑफिस, एक कमरे में आंगनबाड़ी और दो कमरों में संदर्भ शिक्षा केंद्र चल रहा है। स्कूल की प्रधानाचार्या राजश्री सोगारिया ने बताया कि उनके स्कूल में अभी तक 1 साल के कार्यकाल के दौरान स्कूल का यही हाल बना हुआ है।
शिक्षा विभाग के तमाम अधिकारी लगातार स्कूल मैं विजिट के लिए आते रहते हैं। उन्होंने बताया कि मरम्मत के लिए उन्होंने उच्च अधिकारियों को लिखित में पत्र भेज दिया है। वही प्रधानाचार्य ने बताया कि कुछ समय पहले विद्यालय में नवनिर्माण के लिए करीब दो करोड रुपए की राशि भी स्वीकृत हुई थी, लेकिन उसका क्या हुआ, इसके बारे में उच्च अधिकारी ही जवाब दे पाएंगे। ऐसे में बड़ा सवाल यह होता है की बारिश के मौसम में अगर किसी दिन जर्जर इमारत के कारण स्कूल में कोई जनहानी हो गई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।