देवेंद्र शर्मा, राजसमंद, राजस्थान पल्स न्यूज़
राजसमंद जिले के नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले खमनोर थाने में दर्ज हुई एक रिपोर्ट की इन दिनों राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा हो रही है। बता दें कि इस रिपोर्ट का भीम विधानसभा से संबंधन है। दरअसल यह पूरा मामला जल्दबाजी या गफलत कहें इसके चलते मिलती जुलती नामों की दो फार्मों में से एक फर्म को गलती से भुगतान से जुड़ा है। ऐसे में गलती से जिसे भुगतान हुआ है वह पैमेंट लौटाने में आज कल आज कल कर रहा है। फिलहाल इस मामले को लेकर एक सरकारी अधिकारी ने खमनोर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा दी है। तो वहीं पुलिस ने भी मामला दर्ज कर लिया है और इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
बता दें कि मनरेगा योजना में कराए गए विभिन्न निर्माण कार्यों के पेटे करीब 10 लाख 88 हजार 794 रूपए का भुगतान मिलते जुलते नामों की दो फर्मों में से एक खाते में कम्प्यूटर ओपरेटर की गलती से चला गया। तो वहीं अब इस भुगतान की वसूली करने में पंचायतीराज विभाग के पसीने छूट रहे हैं। ऐसे में पंचायत से वसूली ना होते देख खमनोर बीडीओ ने खमनोर पुलिस थाने में रिपोर्ट देकर एकआईआर दर्ज करवाई है। यह पूरा मामला नाथद्वारा विधानसभा की खमनौर के कुंठवा ग्राम पंचायत से जुड़ा है।
ऐसे में रकम वसूली के लिए खमनोर पंचायत समिति के विकास अधिकारी हनुवीर सिंह ने भीम के जस्साखेड़ा की दक्ष डवलपर्स के प्रोपराइटर रणजीत सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी यानि आईपीसीसी की धारा 420 व 406 का मामला दर्ज करवाया है। जानकारी के अनुसार बीडीओ द्वारा भुगतान की तारीख से 8 महीने 17 दिन बाद खमनौर थाने में रिपोर्ट दी गई। बता दें कि वित्तीय वर्ष 2022—23 के दौरान कुंठवा ग्राम पंचायत द्वारा मनरेगा योजनांतर्गत अनुमोदिन संवेदक दक्ष एंटरप्राइजेज,मंजू सिंह बल्ला से विभिन्न स्वीकृत कार्यों को पूरा करने लिए सामग्री का उपापन किया गया था। कार्य के बाद फर्म ने बिल बाउचर प्रस्तुत कर भुगतान करने को कहा। ऐसे में मनरेगा के सॉफ्टवेयर में बकाया देनदारी के बिल वाउचर फीड किए और 2 नवम्बर 2023 को भुगतान कर दिया गया। एक दो माह बाद पता चला कि यह राशि दक्ष एंटरप्राइजेज की खाताधारक मंजू सिंह बल्ला के खाते में नहीं गई।
इस पूरे मामले को लेकर मंजू सिंह बल्ला के पति केशर सिंह ने मीडिया को बताया कि वित्तीय वर्ष 2022—23 में मेरी पत्नी के नाम से चल रही दक्ष एंटरप्राइजेज फर्म ने मनरेगा का 30 से 35 लाख रूपए का कार्य किया था। कुछ पैमेंट आया लेकिन बड़ी रकम खाते में नहीं पहुंची। ऐसे में पंचायत समिति से संपर्क किया गया। और चैक करते हुए पाया गया कि यह पैमेंट किसी दक्ष डवलपर्स के खाते में चला गया है। इस इस फर्म के बारे में पता किया गया तो वह फर्म भीम विधायक के पुत्र रणजीत सिंह के नाम से रजिस्टर मिली। जिसके बाद हम भीम गए और भीम विधायक से बात की तो उन्होंने 7 दिन बाद मिलने का समय दिया। ऐसे में 7 दिन बाद फिर से भीम विधायक से मिले लेकिन कोई रेस्पॉन्स नहीं मिला। इसके बाद विधायक के पुत्र रणजीत से फोन बात की गई तो उन्होंने हर बार एक दो दिन रूको का ही हवाला दिया लेकिन अभी तक पैसे ट्रांसफर नहीं किए। वहीं अब केशर सिंह का कहना है कि मैं अभी मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहा है क्योंकि अभी मनरेगा के श्रमिकों को भुगतान करना है।
तो वहीं जब इस पूरे मामले को लेकर खमनोर बीडीओ हनुवीर सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि फर्म का नाम एक जैसा होने के कारण यह गफलत सामने आई है। इस बार को लगभग 8 से 10 माह हो गए। जिसको लेकर संबंधित फर्म से बात हुई उनसे लिखित और मौखिक भी निवेदन किया गया कि यह पैसा किसी और फर्म का है गलती से आपके पास आ गया है। लेकिन कोई रेस्पॉन्स नहीं मिला। ऐसे में सरकारी पैसा वसूली के तहत कानूनी कार्रवाई ध्यान में रखते हुए खमनोर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है।