Friday, November 22

जयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज

हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रदेश के कांग्रेस नेताओं का जादू नहीं चल पाया। जीत को लेकर आश्वस्त हुई कांग्रेस ने नेताओं की फौज चुनाव प्रचार में उतार दी थी लेकिन उनकी सारी मेहनत बेकार साबित हुई।

राजनीतिक सूत्रों के अनुसार हरियाणा विधानसभा के चुनाव प्रचार के लिए प्रदेश के 6 कांग्रेस सांसद, 13 विधायक सहित 25 बड़े नेता विभिन्न क्षेत्रों में दिन-रात जुटे रहे थे। छोटे-बड़े करीब 50 नेताओं ने अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार किया था लेकिन कांग्रेस को सत्ता में लाने में नाकामयाब साबित हुए। हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 37 सीटें मिली जबकि भाजपा 48 सीटें जीत कर बहुमत हासिल करने में कामयाब रही।

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस हाई कमान हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान स्टेट सीनियर ऑब्जर्वर नियुक्त किया था। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और पीसीसी चीफ गोविंदसिंह डोटासरा को स्टार प्रचारक बनाया गया था। पार्टी के ये तीनों सीनियर नेता लगातार हरियाणा में डटे रहे। राज्य के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी लगातार हरियाणा चुनाव में व्यस्त रहे। इन दिग्गज नेताओं ने कांग्रेस के समर्थन में कई दर्जन सभाएं की। हरियाणा में जीत को लेकर कांग्रेस अति उत्साहित थी लेकिन चुनाव परिणाम उम्मीद के विपरीत रहे। गहलोत, पायलट, डोटासरा और जूली सहित कांग्रेस के तमाम नेताओं की मेहनत पर पानी फिर गया।

राज्य के करीब 50 कांग्रेसी नेता हरियाणा में चुनाव प्रचार में जुटे रहे थे लेकिन चुनाव परिणाम ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। करीब 25 नेता तो ऐसे थे जो वर्तमान सांसद, विधायक और पूर्व में मंत्री रह चुके हैं। इसके बावजूद भी हरियाणा की जनता ने कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका नहीं दिया। इन चार बड़े नेताओं के अलावा प्रदेश कांग्रेस के कई बड़े नेता हरियाणा में प्रचार में जुटे रहे। इनमें सांसद ब्रजेंद्र ओला, राहुल कस्वां, मुरारीलाल मीणा, कुलदीप इंदौरा, भजनलाल जाटव, संजना जाटव, हरीश मीणा, राज्यसभा सांसद नीरज डांगी, पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवरजितेंद्र सिंह, विधायक अमित चाचाण, पितराम काला, मुकेश भाकर, मनीष यादव, ललित यादव, शिखा मील बराला, विकास चौधरी, सुशील मोदी, पुष्पेंद्र भारद्वाज, अर्चना शर्मा, धीरज गुर्जर, संगीता गर्ग, श्रवण कुमार, महेश शर्मा, यशवीर सूरा, अनिल चौपड़ा, राजेंद्र मूंड, सुधींद्र मूंड और सीताराम लांबा जैसे चर्चित नेता शामिल हैं।

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