दिल्ली डेस्क, राजस्थान पल्स न्यूज।
जाति जनगणना को लेकर इन दिनों बयानबाजी चल रही है। इस बीच आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने आज बड़ा बयान दिया है। आरएसएस का मत है कि जाति जनगणना लोगों के कल्याण के लिए सही है, लेकिन इसका इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
समन्वय बैठक के बाद मुख्य प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने पत्रकारों से बातचीत में कही। इसमें उन्होंने कहा कि सरकार को सिर्फ डेटा के लिए जाति जनगणना करवानी चाहिए।
आरएसएस की अखिल भारतीय समन्वय बैठक इस साल यह 31 अगस्त से 2 सितंबर तक केरल के पलक्कड़ में हुई। जिसमें कोलकाता दुष्कर्म-हत्या प्रकरण और यूनिफॉर्म सिविल कोड पर भी चर्चा हुई।
संवेदनशील मुद्दा
आंबेकर ने कहा- हमारे हिंदू समाज में जाति बहुत संवेदनशील मुद्दा है। जनगणना हमारी राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के लिए अहम है। इसे बहुत गंभीरता के साथ किया जाना चाहिए। किसी जाति या समुदाय की भलाई के लिए भी सरकार को आंकड़ों की जरूरत होती है। ऐसा पहले भी हो चुका है। लेकिन इसे सिर्फ समाज की भलाई के लिए किया जाना चाहिए। चुनावों का राजनीति टूल न बनाएं
दुष्कर्म-हत्या मामले की चिन्ता
आंबेकर ने कोलकाता में ट्रेन डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या को दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया। वे बोले- हर कोई इससे चिंतित है। देश में ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। सरकार की भूमिका, आधिकारिक तंत्र, कानून, सजा पर चर्चा की है। सभी का मानना है कि ऐसे मामलों पर दोबारा विचार करने की जरूरत है, ताकि हम फास्टट्रैक जैसी प्रोसेस अपना सकें और पीड़ित को न्याय दिला सकें।
हिंदुओं के हालात पर चर्चा
प्रवक्ता सुनील आम्बेकर ने बताया कि बैठक के दौरान कई संगठनों ने बांग्लादेश के हालात पर विस्तृत रिपोर्ट पेश की है। बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के बारे में हर कोई चिंतित है। उन्होंने सरकार से वहां के हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने के लिए बांग्लादेश सरकार के साथ बातचीत करने का अनुरोध किया है।