Friday, November 22

नयी दिल्ली  राज्यसभा में मणिपुर की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सदन में आकर जबाव देने की मांग करते हुये विपक्ष के सदस्यों ने आज भी जोरदार हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।

कार्यवाही स्थगित होने से लोक महत्व के विषयों से जुड़ी शून्यकाल की कार्यवाही नहीं हो सकी। दो सप्ताह पहले शुरू हुए मानसून सत्र के दौरान बार-बार बाधा पहुंचाए जाने के कारण सदन में एक दिन भी शून्यकाल की कार्यवाही नहीं हो सकी है।

मंगलवार को जरुरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने 20 जुलाई से अब तक सदन के सुचारू तरीके से नहीं चलने और मणिपुर मामले पर नियम 176 के तहत कल अल्पकालिक चर्चा भी नहीं हो पाने पर गहरा निराशा जताते हुये कहा कि इस मुद्दे पर 2.30 घंटे का अल्पकालिक चर्चा होनी थी लेकिन ऐसा नहीं होने से न:न सिर्फ ऊपरी सदन की छवि को नुकसान हो रहा है बल्कि पूरा देश भी देख रहा है कि ऊपरी सदन में क्या हो रहा है। सदस्यों का यह आचरण सही नहीं है।

इस पर तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय ने कड़ी आपत्ति जताते हुये कहा कि सभापति द्वारा विपक्ष के लिए की गयी टिप्पणी स्वीकार योग्य नहीं है। श्री धनखड़ श्री राय को बैठने के लिए कहते रहे लेकिन वह अपनी बात पर अड़े रहे। इसी दौरान सभापति ने कहा कि आज भी 60 सदस्यों ने उन्हें नियम 267 के तहत चर्चा कराने के लिए नोटिस दिए हैं लेकिन इस मुद्दे पर इस नियम के तहत नोटिस को 20 जुलाई को ही अस्वीकार कर दिया था और आज भी दिये गये नोटिस को वह स्वीकार नहीं कर रहे हैं।

इस दौरान विपक्षी सदस्य नारेबाजी और हंगामा करते रहे जिसके कारण सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।

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