प्रमोद आचार्य
हमारा संविधान इन दिनों राजनीतिक दलों के लिए एक हथियार बनता जा रहा है। बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस हथियार को सर्वाधिक धार दी। नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस की लोकसभा में सीटें बढ़ गई और उसकी विरोधी भाजपा को 63 सीटों का नुकसान हुआ। अब भाजपा को भी यह समझ में आ गया है कि संविधान ही सबसे बड़ा हथियार है। इस कारण भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 25 जून 1975 को देशभर में लागू किए गए आपातकाल के खिलाफ अब 25 जून की तारीख को संविधान हत्या दिवस के रूप में घोषित किया है। केंद्र सरकार ने बाकायदा इसके लिए गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है यानी भाजपा अब आपातकाल को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाएगी।
ये है बड़ा कारण
दरअसल लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी ने एक नारा दिया था वह नारा था, अबकी बार 400 पार। यह नारा बहुत पॉपुलर हुआ लेकिन कांग्रेस ने ऐसे संविधान से जोड़कर एक हथियार की तरह चलाया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व राहुल गांधी ने बाकायदा एक प्रेस वार्ता आयोजित कर कहा कि भाजपा 400 पर का नारा इसलिए दे रही है कि यदि उनकी लोकसभा में 400 सीटें आ गई तो वह बाबा साहब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को फाड़ देगी और उसकी जगह अपना नया संविधान देश में थोप देगी। साथ ही वह आरक्षण को भी खत्म कर देगी। कांग्रेस का यह दांव सही दिशा में चला और इसे कांग्रेस की सीटें 54 सीटों से बढ़कर 99 हो गई।जबकि भाजपा को कांग्रेस की झूठी बयानबाजी का बड़ा नुकसान हुआ ओर से 63 सीटों का नुकसान हुआ। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा 400 पार के नारे के खिलाफ कांग्रेस की ओर से खड़े किए गए संविधान बदलने के नॉरेटिव का काउंटर नहीं कर पाई और इसी कारण उसे लोकसभा चुनाव में नुकसान झेलना पड़ा। अब भाजपा ने काउंटर करना शुरू किया है और इसी कारण संविधान को हथियार बनाते हुए 25 जून की तारीख को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है।
25 जून को लगा था आपातकाल
दरअसल 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने देशभर में आपातकाल लगा दिया था तथा देश भर के तमाम विपक्षी दलों के नेताओं को कार्यकर्ताओं को जेलों में डाल दिया।उन्हें 18 माह तक जेलों में बन्द रखा गया। पूरा देश ही जेल बन गया था। अखबारों पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस कारण भाजपा व गैर कांग्रेसी दल हर वर्ष 25 जून को आपातकाल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते आए हैं लेकिन अब भाजपा ने 25 जून की तारीख को हर वर्ष संविधान हत्या दिवस को मनाने की घोषणा की और इसके लिए बकायता बजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।
लॉक डाउन को संविधान हत्या से जोडना बचकाना बयान
उधर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस बनाने को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी मगर उनके बयान बचकाना लगे। उन्होंने कहा कि संविधान की हत्या तो पिछले 10 सालों से भाजपा सरकार कर रही थी उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं थे फिर भी कोविड के दौरान लॉक डाउन लगा दिया।जबकि खरगे के इस बयान में कोई सच्चाई नहीं है। विश्व के अनेक देशों में कोरोना फैला था और जहां-जहां कोरोना की लहर फैली वहां पर सरकारों ने लॉकडाउन लगाया था ताकि जन सुरक्षा कायम की जा सके। मल्लिकार्जुन खड़गे ने तो नोटबन्दी को भी संविधान की हत्या बता दिया। जबकि संविधान में नोटबंदी जैसे शब्द का कहीं पर भी उल्लेख तक नहीं है। इस तरह खरगे के बयान बचकाना साबित हुए है। यह कांग्रेस कार्यकर्ताओं के भी गले नहीं उतरे।
नॉलेज बॉक्स
संविधान निर्माण के बाद अब तक देश की सरकारों ने हमारे संविधान में तरह-तरह के संशोधन किए हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक सदन में 127 बार संविधान संशोधन विधेयक पेश किए गए जिसमें से 105 बार संविधान में संशोधन किए जा चुके हैं।