Friday, November 22

जयुपर। Rajasthan Pulse News

आज (1 जुलाई ) से राजस्थान सहित पूरे देश में नयाआपराधिक कानून लागू हो हो गया है। नए बदलाव के बाद अब भारतीय दंड संहिता और आईपीसी के स्थान पर, भारतीय न्याय संहिता, आपराधिक न्याय प्रक्रिया सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और इंडियन एविडेंस ऐक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू किया गया है। इस अवसर पर प्रदेश के सीएम भजन लाल शर्मा ने आज राज्य के आला प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक रखी। मुख्यमंत्री ने नए कानूनों के लागू होने का स्वागत करते हुए कहा कि ये उन कानूनों की जगह लाए गए हैं जिनका वर्तमान युग में ज्यादा महत्व नहीं था, जो पुराने थे, और उस समय के हिसाब से बनाए गए थे। वहीं दूसरी ओर नए कानून लागू की बात को लेकर राजस्थान के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी और केन्द्र सरकार पर तंज कसा है। गहलोत ने आरोप लगाया है कि इन कानूनों के माध्यम से देश में पुलिसिया शासन चलाने प्रयास किया गया है। इसकी समीक्षा होनी चाहिए।

अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है- आईपीसी,सीआपीसी और एविडेंस एक्ट की जगह पर 1 जुलाई से लागू हो रहे भारतीय न्याय संहिता को व्यापक रिव्यू की आवश्यकता है। इस संहिता में बनाए गए कानून देश को एक पुलिसिया राज्य (पुलिस स्टेट) बनाने जैसे हैं।

अंग्रेजों ने बनाए थे कानून…
मुख्यमंत्री भजन का तर्क है कि निरस्त किए गए आपराधिक कानून लगभग 150 साल पहले अंग्रेजों ने अपनी सुविधा के लिए बनाए थे। उन्होंने कहा कि कहा यह कानून विदेशी शासकों ने अपना शासन बनाए रखने के लिए बनाए थे। सीएम ने स्पष्ट तौर पर कहा कि पुराने कानूनों का मुख्य उद्देश्य आमजन को राहत और न्याय दिलाने की बजाय उनक पर शासन करना था। ऐसे में न्याय की कल्पना नहीं की जा सकती थी। सीएम भजन लाल ने इस बात पर जोर दिया कि पुराने कानून गुलामी की मानसिकता वाले थे, वहीं नए कानूनों में ‘भारतीयता की आत्मा को स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा,”तीनों नए कानूनों से भारतीयता और भारतीय संविधान की मूल भावना को भी बल मिलेगा।

थानों में जानकारी दी जाए
इनमें नए प्रावधान जोड़े गए है। सीएम ने पुलिस और अधिकारियों को निर्देश दिए कि वो आम लोगों को नए कानूनों के बारे में जागरूक करें। उन्होंने कहा, पुलिस थानों के सामने जानकारी दें, पुलिस चौकियों और कार्यालयों में इसकी जानकारी दें। सभी इनको समझ सकें और समाज के अंदर पुलिस के प्रति विश्वास रहे और अपराधियों में भय।

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