Sunday, September 22
– विधानसभा अध्यक्ष ने डोटासरा को कहा, तमाशा बना रखा है

जयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज़

विधानसभा में आज भी कांग्रेस विधायकों ने जमकर बवाल काटा। आज तो विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविन्दसिंह डोटासरा के बीच तीखी बहस भी देखने को मिली। हालांकि बाद में मामला शांत हो गया था।

राजनीतिक सूत्रों के अनुसार कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष लक्ष्मणगढ़ विधायक डोटासरा सवाल पूछने के लिए बार-बार खड़े हो रहे थे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष नाराज हो गए। विधानसभा अध्यक्ष ने यहां तक कह दिया कि ‘डोटासरा जो भी बोल रहे हैं, उसे रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होना चाहिए। तमाशा बना रखा है इन्होंने।’ इस पर काफी देर तक देवनानी और डोटासरा में नोक-झोंक हुई। इस दौरान देवनानी ने डोटासरा के बार-बार बोलने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ‘सदन में नेता प्रतिपक्ष को बोलने का अधिकार है, आपको नहीं।’ इस बात पर कांग्रेस विधायकों ने जमकर बवाल काटा।

सूत्रों के अनुसार आज बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ ने गहलोत सरकार के शासन में खरीदी गई डायलिसिस मशीनों को लेकर सरकार से सवाल पूछा था। इसके बाद कालीचरण सराफ जैसे ही अपना सवाल पूछ कर बैठे तो डोटासरा बीच में खड़े होकर बोलने लगे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने उन्हें टोका। इसके बाद डोटासरा और देवनानी दोनों काफी देर तक आपस में बहस करते नजर आए। देवनानी ने कह दिया कि ‘केवल नेता प्रतिपक्ष को ही बोलने की इजाजत दी जाएगी। आपका हर सवाल पर खड़ा होना सही नहीं है।’ इस पर डोटासरा ने भी कहा कि ऐसा नहीं चलेगा। विधानसभा अध्यक्ष ने भडक़ते हुए कहा कि ‘डोटासरा जो भी बोले, वह सदन की कार्रवाई में रिकॉर्ड नहीं हो, इन्होंने तमाशा बना रखा है।’

प्रश्नकाल के दौरान प्रदेश पर बढ़ते हुए कर्ज भार को लेकर काफी देर तक हंगामा होता रहा। इस दौरान भाजपा विधायक संदीप शर्मा ने पिछली कांग्रेस सरकार को कोसा तो डोटासरा उन पर भडक़ गए। उनके भडक़ने पर बीजेपी और कांग्रेस के विधायकों के बीच काफी देर तक गहमा-गहमी हो गई। सदन में हंगामा बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कुछ विधायकों को फटकार भी लगाई। इसके बाद जाकर सदन में मामला शांत हुआ।

राजनीतिक जानकारों के अनुसार कांग्रेस विधायक यहां भी वैसा ही बर्ताव कर रहे हैं जैसा देश की सबसे बड़ी पंचायत में उनके आला पदाधिकारी सांसद के रूप में कर रहे हैं। दोनों ही सदनों में कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेताओं की कोशिश है कि अग्रेसिव होकर सरकार पर दबाव बनाया जाए।

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