जयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज
प्रदेश में जल्द ही 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। इसके लिए बीजेपी, कांग्रेस सहित आरएलपी और बीएपी तैयारी में जोर शोर से जुटी हुई हैं। राज्य में जिन सात सीटों पर उपचुनाव होना हैं, वो लोकसभा चुनाव होने के बाद खाली हुई हैं।
राजनीतिक पंडितों के अनुसार उपचुनाव होने वाली सात सीटों में से चार सीट कांग्रेस की थी और एक सीट बीजेपी के पास थी। जबकि एक सीट बीएपी और एक सीट आरएलपी के खाते में थी। प्रदेश की वर्तमान सियासत पिछले चुनाव से अलग दिख रही है। ऱाष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) और भारत आदिवासी पार्टी (BAP) लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन में दिखे थे। आरएलपी और बीएपी प्रमुखों के हाल के बयानों के बाद दोनों ही पार्टी अलग राह पर दिख रहीं है।
RLP सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने हरियाणा चुनाव के दौरान कांग्रेस के खिलाफ चुनाव प्रचार किया। वहीं BAP सांसद राजकुमार रोत कांग्रेस के खिलाफ अपने अलग तेवर दिखा रहे हैं। बीएपी ने तो ऐलान भी कर दिया है कि उपचुनाव में वह दो सीटों सलूंबर और चौरासी सीट पर किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। ऐसे में साफ है कि इन दो सीटों पर बीजेपी-कांग्रेस और बीएपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होगा।
सलूम्बर विधानसभा सीट बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा के निधन के बाद खाली हुई है। ऐसे में त्रिकोणीय मुकाबले में बीजेपी की परेशानी बढ़ने वाली है। जबकि चौरासी सीट राजकुमार रोत के सांसद बनने के बाद खाली हुआ है। इसके अलावा खींवसर सीट पर भी अगर हनुमान बेनीवाल कांग्रेस से गठबंधन नहीं करते हैं और कांग्रेस अपने उम्मीदवार उतारती है तो इस सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला होता नजर आ रहा है।
देवली-उनियारा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक हरीश मीणा, दौसा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक मुरारीलाल मीणा, झुंझुनूं विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक बृजेंद्र ओला, चौरासी विधानसभा सीट से बीएपी विधायक राजकुमार रोत और खींवसर विधानसभा सीट से आरएलपी विधायक हनुमान बेनीवाल अब सांसद बन चुके हैं। सलूंबर विधानसभा सीट, बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा औररामगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक जुबेर खान का निधन हो चुका है। प्रदेश की इन्हीं सात सीटों पर उपचुनाव होने हैं।