Friday, November 22

जयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज।

राजस्थान में भी अग्निवीरों को आरक्षण दिया जाएगा। इसमें जेल प्रहरी, पुलिस और वन रक्षक भर्ती में इनको यह लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने इसकी घोषणा की है। कल करगिल दिवस के अवसर पर शहीदों को नमन करते हुए सीएम ने कहा कि ऐसे अग्निवीरों को प्रदेश में पुलिस, जेल प्रहरी और वन रक्षक भर्ती में आरक्षण देकर सेवा का मौका दिया जाएगा।  इससे वो सेना से लौटकर आगे काम कर सकें।

इन राज्यों में पहले से ही घोषित
करगिल दिवस पर ही राजस्थान के साथ मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, गुजरात और छत्तीसगढ़ सरकार ने भी सेना के अग्निवीरों को राज्य पुलिस की भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की है।

असल में तो दो साल पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और सीआईएसएफ में अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की थी।

दूसरी तरफ  हरियाणा सरकार अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय पहले कर चुकी हैं। उत्तराखंड सरकार भी 22 जुलाई को ही अग्निवीरों को आरक्षण देने की घोषणा कर चुकी है। इस तरह अब तक 8 राज्य अग्निवीरों को लेकर घोषणाएं कर चुके हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को कहा- अग्निवीर जब सेना में सेवा के बाद वापस आएंगे तो उन्हें राज्य पुलिस और फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती में आरक्षण के साथ छूट दी जाएगी।

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने अग्निवीरों के लिए पुलिस सर्विस में दस प्रतिशत का आरक्षण और आयु सीमा में 5 साल की छूट देने की घोषणा की है।

योजना बंद करने की मांग की
एक तरफ देश के कई राज्य अग्निवीरों को आरक्षण देने की योजना बना रही है। तो दूसरी ओर विपक्षी दल अग्निवीरों की भर्ती बंद करने की मांग उठाते आ रहे हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इसे बंद करने की मांग उठा चुके हैं।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कहा है कि  इंडिया गठबंधन की सरकार में इस योजना को बंद कर दिया जाएगा।

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