कोलकाता, राजस्थान पल्स न्यूज
कोलकाता में 8 अगस्त को हुए ट्रेनी डॉक्टर रेप और मर्डर केस में न्याय की मांग कर रहे आरजी कर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स ने मंगलवार सुबह पुलिस मुख्यालय के आगे धरना दिया है। जूनियर डॉक्टर्स पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग कर रहे है।
डॉक्टर्स को बीबी गांगुंली स्ट्रीट पर ही रोक दिया गया
जूनियर डॉक्टर्स 2 सितम्बर की दोपहर पुलिस हेडक़्वाटर्स लालबाजार तक रैली निकाल रहे थे लेकिन पुलिस हेडक़्वाटर्स पहुंचने से पहले ही पुलिस द्वारा रैली में शामिल लोगो को बीबी गांगुली स्ट्रीट पर ही बेरिकेड्स लगाकर रोक दिया गया। पुलिस ने डॉक्टर्स को रोकने के लिए हेडक्वॉर्टर्स की तरफ डबल लेयर में बैरिकेडिंग की। प्रदर्शनकर्ता रात भर धरने पर बैठे रहे। डॉक्टर्स अपने साथ बैनर-पोस्टर, तख्तियां हाथ में लिए हुए थे जिनमें विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग की गई है।
रात भर पुलिस की टुकड़ी बैरिकेड के दूसरी तरफ पहरे पर रही। बैरिकेड को जंजीरों से बांधकर और पैडलॉक लगाकर रेलिंग लगाई गई थी। इसके बाद डॉक्टरों ने बैरिकेड पर रीढ़ की हड्डी और लाल गुलाब लगा दिए। उनका कहना था इससे पुलिस काे जनता के लिए उसका फर्ज याद दिलाने की कोशिश की गई है।
पुलिस कमिश्नर का पुतला भी जलाया
बीबी गांगुली स्ट्रीट पर रोके जाने के बाद प्रदर्शनकारियो ने पुलिस कमिश्नर का पुतला जलाया। डॉक्टरों का आरोप है कि पुलिस ने रेप-मर्डर केस की जांच में शुरू से ही लापरवाही की है। धरने पर बैठे एक डॉक्टर ने कहा- हम यहां धरने पर नहीं बैठने वाले थे। हमें नहीं पता था कि कोलकाता पुलिस इतनी डरी हुई है कि हमें रोकने के लिए 9 फीट ऊंचा बैरिकेड लगा देगी। हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक हमें लालबाजार पहुंचने और कमिश्नर से मिलने की परमिशन नहीं दी जाती। हम तब तक यहीं बैठे रहेंगे।
BJP सांसद पहुंचे तो लगाए गो बेक के नारे
सोमवार को सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय भी प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने के लिए विरोध स्थल पर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें देखकर हंगामा कर दिया, साथ ही गो बैक के नारे लगाए। इस पर भाजपा सांसद ने कहा कि उन लोगों ने मुझे गलत समझा है, मैं यहां आम नागरिक के रूप में उनका साथ देने के लिए आया हूं। मैं उनके खिलाफ नहीं हूं।
गंगोपाध्याय ने पुलिस कमिश्नर से भी प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों से मिलने की अपील की। उन्होंने कहा- कमिश्नर क्यों नहीं आ रहे। वे डॉक्टर हैं, गुंडे नहीं हैं। डॉक्टरों को इतने लंबे समय तक इंतजार क्यों करवाया।