कोलकाता डेस्क, राजस्थान पल्स न्यूज़
एक ट्रेनी डाक्टर दुष्कर्म-हत्या प्रकरण को लेकर अब छात्रों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। आज छात्र और मजदूर संगठनों ने संयुक्त रूप से सचिवालय (नबन्ना) तक मार्च निकालने की घोषणा कर रखी है। इसको देखते हुए पुलिस भी पूरी तरह से मुस्तैद हो गई है। हावड़ा मैदान में दोपहर होेते-होते छात्र जुटना शुरू हो गए थे। जहां से नबन्ना के लिए कूच किया। इस दौरान पुलिस बल ने भी छात्रों पर शक्ति का उपयोग करते हुए उन्हें रोकने का प्रयास कर रही है।
पश्चिम बंग छात्र समाज और संग्रामी जौथा मंच ने नबन्ना अभिजन रैली कर रहे हैं। संगठन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की है।
वहीं दूसरी ओर पुलिस ने हिंसा का हवाला देते हुए रैली को गैरकानूनी बताया है। प्रदर्शनकारियों को नबन्ना जाने से रोकने के लिए 7 रूट पर तीन लेयर में 6 हजार की फोर्स तैनात है। 19 पॉइंट्स पर बैरिकेंडिंग और 21 पॉइंट्स पर डीसीपी तैनात किए गए हैं।
हावड़ा ब्रिज बंद किया
प्रशासन ने हावड़ा से कोलकाता को जोड़ने वाले हावड़ा ब्रिज को बंद कर दिया है। प्रस्तावित रैली की निगरानी के लिए ड्रोन की मदद ली जा रही है। वॉटर कैनन, वज्र वाहन और क्विक रिस्पॉन्स टीम भी तैनात की है।
राज्य सचिवालय नबन्ना के पास बीएनएस की धारा लगाई गई है। यहां एक साथ 5 से ज्यादा लोग नहीं जुटेंगे। ब्रिज कह सड़क के दोनों ओर पुलिस की गाड़ियां खड़ी हैं। इससे ऑफिस जाने वाले लोगों को भी परेशानी हो रही है। प्रदर्शनकारियों को सचिवालय की ओर नहीं जाने दिया जा रहा है। बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा है कि सरकार से सुप्रीम कोर्ट के कड़े फैसले को याद रखने का आग्रह करता हूं। शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर पश्चिम बंगाल सरकार शक्ति का गलत इस्तेमाल नहीं होने दें।
उधर, एडीजी (कानून और व्यवस्था) के अनुसार प्रदर्शन के दौरान उपद्रवी अराजकता भड़काने की कोशिश करेंगे, ऐसी खुफिया जानकारी मिली है। इसलिए राज्य सरकार ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 के तहत नबन्ना (राज्य सचिवालय) के पास निषेधाज्ञा लागू कर दी है। इसके जिसके तहत पांच या उससे ज्यादा लोग यहां इकट्ठा नहीं हो सकते।