दिल्ली डेस्क, राजस्थान पल्स न्यूज।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और उसकी हत्या के प्रकरण में पहली बार अपना बयान दिया है। पीटीआई को दिए अपने साक्षात्कार में राष्ट्रपति ने कहा कि वो इस घटना को लेकर निराश और डरी हुई है।
मुर्मू ने कहा- बस अब बहुत हो गया। कोई भी सभ्य समाज अपनी बेटियों और बहनों पर इस तरह की अत्याचारों की इजाजत नहीं दे सकता। जब छात्र, डॉक्टर और नागरिक कोलकाता में विरोध कर रहे थे, तो दूसरी जगहों पर अपराधी सक्रिय थे।
आत्म विशलेषण की दरकार
राष्ट्रपति ने कहा- समाज को ईमानदारी, निष्पक्षता के साथ आत्म-विश्लेषण करने की आवश्यकता है। लोगों को खुद से कुछ कठिन सवाल पूछने होंगे। बहुत बार एक निंदनीय मानसिकता महिलाओं को एक कमजोर, कम सक्षम, कम बुद्धिमान इंसान के रूप में देखती है।
राष्ट्रपति ने कहा आमतौर पर घृणित मानसिकता रखने वाले लोग महिलाओं को अपने से कम समझते हैं। वे महिलाओं को कम शक्तिशाली, कम सक्षम, कम बुद्धिमान के रूप में देखते हैं। निर्भया कांड के बाद 12 सालों में दुष्कर्म की अनगिनत घटनाओं को समाज ने भुला दिया है। समाज की भूलने की यह सामूहिक आदत घृणित है। राष्ट्रपति ने कहा- इतिहास का सामना करने से डरने वाला समाज ही चीजों को भूलने का सहारा लेता है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत अपने इतिहास का पूरी तरह से सामना करे। हमें जरूरत है कि इस विकृति का सब मिलकर सामना करें ताकि इसे शुरुआत में ही खत्म कर दिया जाए।