जयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज़
समूचे देश के लिए उपलब्धि है कि एक सेवारत भारतीय सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल केबिलन साई अशोक, पेरिस ओलंपिक -2024 में भारत की ओर से मुक्केबाजी में सबसे कम उम्र के ओलंपिक रेफरी बन गए हैं।
यह मील का पत्थर उनके असाधारण समर्पण, व्यावसायिकता और अखंडता को दर्शाता है, जो उच्च मानकों का प्रतीक है। वर्तमान में भारतीय सेना में सर्विसेज स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड में संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत लेफ्टिनेंट कर्नल अशोक की ओलंपिक रेफरी के रूप में भागीदारी नैतिक नैतिकता, निष्पक्ष खेल और खेल कौशल में उत्कृष्टता के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है। एक रेफरी के रूप में, वह सुनिश्चित करते हैं कि ओलंपिक की सच्ची भावना को बरकरार रखते हुए खेलों का संचालन पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ किया जाए।
लेफ्टिनेंट कर्नल अशोक जैसे तकनीकी अधिकारी और रेफरी ओलंपिक की सफलता के पीछे गुमनाम नायक हैं। निष्पक्षता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने और नैतिक सिद्धांतों के पालन के प्रति उनका समर्पण खेलों की अखंडता के लिए महत्वपूर्ण है।
यह उपलब्धि वैश्विक मंच पर भारतीय अधिकारियों की प्रतिभा और विशेषज्ञता को प्रदर्शित करते हुए भारतीय सेना और राष्ट्र को गौरवान्वित करती है।