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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम-व्हाट्सएप से भी अब FIR दर्ज हो सकेगी। सोमवार यानि 1 जुलाई से देश में नए कानून लागू हो रहे हैं। नए कानून लागू होने के बाद आमजन के लिए ये नई सुविधा शुरू हो जाएगी।
अधिवक्ता शिवलाल जाट के अनुसार आमजन को राहत देने के लिए मोदी सरकार ने ब्रिटिश शासन के कानूनों को सरल करते हुए कुछ पुराने प्रावधानों को और ज्यादा मजबूत बनाया है। ब्रिटिश शासन के कानूनों में दंड दिया जाना प्रमुख रहा था। जबकि नए भारतीय कानूनों में आम आदमी को न्याय मिले, इसको महत्व दिया गया है। 1 जुलाई से सीआरपीसी, आईपीसी और साक्ष्य अधिनियम बदल कर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (सीआरपीसी), भारतीय न्याय संहिता (आईपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (एविडेंस एक्ट) लागू हो जाएंगे।
इन नए कानूनों के लागू होने के बाद अपराध के खिलाफ देश में किसी भी जगह FIR दर्ज हो सकेगी। दर्ज FIR संबंधित पुलिस थाने में खुद ट्रांसफर हो जाएगी। संबंधित थाने में FIR को नंबर दिया जाएगा।
अधिवक्ता शैलेश गुप्ता के अनुसार टेलीग्राम-व्हाट्सएप, ई -मेल से भी FIR दर्ज कराई जा सकेगी। ऑनलाइन FIR दर्ज करवाने के बाद 3 दिनों के अंदर संबंधित पुलिस थाने में परिवादी को उपस्थित होना होगा और अपने हस्ताक्षर करने होंगे। पीड़ित को जांच के लिए 90 दिनों के अंदर दर्ज FIR पर प्रगति के बारे में पुलिस जानकारी देगी।
थाने में FIR दर्ज नहीं करने पर ये हैं प्रावधान
अधिवक्ता महेंद्र कुमार पड़िहार के मुताबिक अगर किसी पीड़ित की FIR थाने में दर्ज नहीं की जाती है तो पहले की तरह पीड़ित पुलिस अधीक्षक को अपना परिवाद दे सकता है। अगर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जाने पर भी FIR दर्ज नहीं होती तो पीड़ित पहले की तरह न्यायालय के माध्यम से FIR दर्ज करवाने का अधिकार रखता है