केंद्रीय कृषि मंत्री चाैहान ने सदन में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के कार्यकरण पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि मोदी सरकार की प्राथमिकता किसान का सम्मान और कल्याण है तथा इसके लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना से किसानों को ऊंचे ब्याज से मुक्ति मिली है और उनके सम्मान में बढोतरी हुई। इससे किसान सशक्त हुआ है और उसे कृषि आदानों के लिए समय पर धन मिलने लगा है।
कृषि मंत्री ने कहा कि खेती की जमीनों में धांधली रोकने और हेरा फेरी पर रोक लगाने के लिए सरकार किसानों की डिजीटल आईडी बनाने की दिशा में आगे बढ रही है। इस आईडी को किसानों की जमीनों से जाेड़ दिया जाएगा। उन्हाेंने कहा कि इससे जमीनों की धांधली रोकी जा सकेगी और राजस्व अधिकारियों की मनमानी पर भी रोक लगेगी। इस आईडी से आपदा आने या फसल होने की स्थिति में वास्तविक किसान को मदद मिल सकेगी।
उन्होंने कहा कि फसल की बुआई और नुकसान का रिकार्ड उपग्रहीय प्रणाली से होगा और खेत में नुकसान होेने की स्थिति में सीधे वास्तविक किसान को मदद दी जा सकेगी।
चौहान ने कहा कि सरकार किसानों की आय बढाने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपना रही है। इसके लिए रासायनिक उर्वरक का प्रयाेग कम करने के प्रयास करते हुए सरकार ने प्राकृतिक खेती के लिए व्यापक योजना तैयार की है। प्राकृतिक खेती के लिए एक करोड़ किसानों को प्रशिक्षित करने की तैयारी चल रही है। प्रारंभ में 7़5 लाख हेक्टेयर भूमि पर खेती प्राकृतिक खेती शुरु की जाएगी। उन्होंने कहा कि कृषि निर्यात पर सरकार का जोर है और चावल, मसाले, चीनी और मूंगफली का निर्यात लगातार बढ़ रहा है। सरकार ने जलवायु के अनुकूल फसलें तैयार की योजना शुरु की है। इसके अंतर्गत नयी किस्में तैयार की जा रही है। ये जलवायु परिवर्तन की स्थिति से निपटने में सहायक होंगी।
चौहान ने कांग्रेस की प्राथमिकता में किसान कभी नहीं रहे हैं। कांग्रेस के शासन काल में किसानों पर गोलियां चलवाई जाती थी। उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरु और श्रीमती इंदिरा गांधी के स्वतंत्रता दिवस के विभिन्न भाषणों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सोच में किसान नहीं थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को खेती और किसानी से कुछ लेना देना नहीं है। उन्होंने कांग्रेस के एक नेता की हरियाणा के सोनीपत में किसानों से मुलाकात और खेत में काम करने का वीडियो भी सदन के पटल पर रखा।