जोधपुर, राजस्थान पल्स न्यूज
जोधपुर की SDM प्रियंका विश्नोई (33) का 13 दिन से चल रहे इलाज के बाद बुधवार देर रात अहमदाबाद के हॉस्पिटल में निधन हो गया। पेट दर्द की शिकायत के चलते डॉक्टरों ने बच्चेदानी में गांठ होना बताया था, इलाज के लिए ऑपरेशन करवाने की सलाह दी थी। 5 सितंबर को जोधपुर के वसुंधरा हॉस्पिटल में बच्चेदानी का ऑपरेशन किया गया था। इसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई थी। परिवार वाले उन्हें अहमदाबाद ले गए थे। परिवार वालों ने वसंधुरा हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था।
बिना जांच के कर दिया ऑपरेशन
समाज प्रतिनिधि रामनिवास विश्नोई बुधनगर ने बताया कि मामूली तकलीफ होने पर प्रियंका विश्नोई को वसुंधरा हॉस्पिटल ले गए थे। डॉक्टर्स ने बिना किसी प्रारंभिक जांच के एक ही दिन में ऑपरेशन कर दिया। इसके बाद तबीयत बिगड़ी तो परिजन वहां पहुंचे। वहां के डॉक्टरों ने डिस्चार्ज कर दूसरे हॉस्पिटल ले जाने को कहा। 48 घंटे बाद छुट्टी नहीं दी गई। फिर परिजन अहमदाबाद ले गए, जहां बुधवार रात को उनकी मौत हो गई।
ऑपरेशन के दौरान एनेस्थीसिया ज्यादा देने का आरोप
प्रियंका बिश्नोई के परिजनों ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन के दौरान प्रियंका को ज्यादा एनेस्थीसिया (बहोश करने वाली दवा) दे दी गई थी। जिसके बाद प्रियंका कोमा में चली गई थी। बाद में प्रियंका बिश्नोई ब्रेनडेड की शिकार हो गई थी। साथ ही उनके शरीर के काफी अंग काम करने बंद कर दिए थे।
जांच का समय समाप्त, रिपोर्ट का खुलासा नहीं
प्रियंका बिश्नोई के इलाज में लापरवाही को लेकर जोधपुर जिला कलेक्टर ने मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल को 3 दिन में जांच करने का आदेश दिया है. आज तीन दिन पूरे हो गए हालांकि रिपोर्ट क्या दी है इसका खुलासा नहीं हुआ है. लेकिन कम उम्र में बिश्नोई समाज की होनहार बेटी के निधन से प्रशासनिक महकमे के साथ-साथ बिश्नोई समाज में गम के साथ-साथ गुस्से की लहर है।
मुकदमा दर्ज करवाने की मांग
प्रियंका बिश्नोई के रिश्तेदार और समाज के लोग अस्पताल मालिक और डॉक्टर पर मुकदमा दर्ज करने की मांग पर अड़े हैं। पुलिस प्रशासन सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का हवाला देते हुए एफआईआर दर्ज करने से मना कर रही है। पुलिस ने परिजन को समझाया कि पहले जांच कमेटी की रिपोर्ट आएगी, उसके बाद ही अगला निर्णय लिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार, अगर किसी मरीज की ऑपरेशन के दौरान मौत हो जाती है तो उसके लिए पहले जांच कमेटी जांच करेगी, और उसका जो निष्कर्ष आएगा, उसके आधार पर ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।