Friday, November 22

जोधपुर, राजस्थान पल्स न्यूज।

बुलेट मोटरसाइकिल को मॉडिफाई कराने और पटाखों की तरह आवाज वाले साइलेंसर लगाने वालों के खिलाफ पुलिस ने शिकंजा कस रखा है। ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है। गुरुवार को बासनी एम्स तिराहे की यातायात पुलिस ने एक बुलेट को रुकवाया तो विवाद हो गया। बुलेट चालक ने आरोप लगाया है कि उनकी गाड़ी मॉडिफाइड जरूर थी लेकिन उसमें साइलेंसर बिल्कुल सही था इसके बावजूद पुलिस ने 15 हजार का चालान करने की धमकी दी। आरोप है कि उस गाड़ी को सीज होने से बचाने के नाम पर पुलिस ने 2 हजार रुपए मांगे। नहीं देने पर गाड़ी सीज करने, 15 हजार का चालान करने की धमकी दी। इसको लेकर यातायात पुलिस और बुलेट चालक और उसके भाई के साथ बहस हो गई, जिसका वीडियो भी सामने आया है।

यह था मामला
रामरतन जांगिड़ ने बताया कि उनका भाई मनमोहन गुरुवार शाम 5 बजे सांगरिया से बासनी की तरफ उनकी मेडिकल शॉप पर जा रहे थे। यहां बासनी एम्स तिराहे की घुमटी के पास मोडिफाइड बुलेट और साइलेंसर के खिलाफ पुलिस का अभियान चल रहा है। इस पर उनके भाई की गाड़ी को रोका गया। उनकी गाड़ी मॉडिफाइड जरूर थी लेकिन उसमें साइलेंसर में कोई पटाखों वाली आवाज नहीं आती थी। इसके बाद पुलिस ने चालान नहीं बनाने की एवज में 2 हजार रुपए मांगे, नहीं देने पर गाड़ी को कोर्ट में सीज करवाने की धमकियां दी।

एसीबी में की शिकायत
रामरतन जांगिड़ ने बताया- पुलिस ने उनकी बुलेट को शाम 5:10 पर रुकवाया लेकिन उसका चालान 5:40 पर किया गया। यदि पुलिस को चालान करना ही था तो आधे घंटे तक क्यों रोका गया। चालान में भी चालान की राशि लिखी जाती है, लेकिन उसमें नियमानुसार कार्रवाई की बात की गई है। पुलिस ने उनकी गाड़ी सीज कर ली। रतनलाल का कहना है कि हैड कॉन्स्टेबल शंकरलाल मीणा ने उनसे बदसलूकी की। उनके भाई से पैसे भी मांगे गए। इसको लेकर सुगम पोर्टल, एसीबी में शिकायत दी गई है।

शिकायत में रामरतन ने बताया कि उनके भाई को यातायात पुलिस कर्मी ने रुकवाया और गाड़ी का मोडिफाइड साइलेंसर बताते हुए चालान नहीं बनाने की एवज में 2000 रुपए की रिश्वत मांगी। नहीं देने पर 7000 का चालान करने की बात कही। इसके लिए उनके भाई को 30- 40 मिनट तक रुपए देने के लिए बिठाए रखा। बाद में वो मौके पर पहुंचे तो पुलिसकर्मी शंकरलाल ने उन्हें राज कार्य में बाधा का मामला दर्ज करवाने की धमकी दी।

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