Friday, November 22

जोधपुर, राजस्थान पल्स न्यूज

साइबर ठगों ने जोधपुर शहर में एक बार फिर महिला डॉक्टर को अपना निशाना बनाया और उसे डिजिटल अरेस्ट कर लाखों रुपए ठग लिए। ठगों ने डॉक्टर को 24 घंटे तक वीडियो कॉल कर डिजिटल अरेस्ट रखा और 6 लाख रुपए ऐंठ लिए। ठगों ने दूसरी बार जब 6 लाख रुपए ट्रांजेक्शन करने का कहा तब महिला डॉक्टर को ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने फोन बंद कर दिया और साइबर हेल्प लाइन 1930 पर इसकी सूचना दी। बाद में कुड़ी भगतासनी थाने पहुंच कर रिपोर्ट दी। बदमाशों ने महिला डॉक्टर को मनी लॉन्ड्रिंग से अनाधिकृत राशि खाते में जमा होने का डर दिखाकर सीबीआई जांच होने का कहकर ठगी की है।

पुलिस की वर्दी पहनकर किया वीडियो कॉल
कुड़ी भगतासनी थानाधिकारी राजेंद्र चौधरी ने बताया- जयपुर हाल जोधपुर निवासी नम्रता माथुर (31) पुत्री देव आनंद माथुर ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है। रिपोर्ट में बताया- वह व्यास डेंटल कॉलेज में डॉक्टर है। 20 सितंबर की शाम को 4 बजे उनके मोबाइल पर एक वीडियो कॉल आया। कॉल करने वाले ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी और खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया था। ठग ने एक PDF भेजा, जिसमें उसे डिजिटल अरेस्ट बताया गया।

मुंबई में खाता होने का बताया डर, मनी लॉड्रिंग केस के दस्तावेज की भेजी कॉपी
आरोपियों ने डॉक्टर को कहा कि उनके आधार कार्ड से लिंक एक खाता कैनरा बैंक मुंबई में खोला गया, जिसमें अनाधिकृत रूप से राशि आई है। उसने डॉक्टर को वाट्सएप्प पर नरेश गोयल मनी लॉड्रिंग केस के दस्तावेज की दो कॉपी भेजी, जिसमे लिखा था कुल 247 एटीएम कार्ड बरामद हुए जो अलग अलग कार्ड हॉल्डर के नाम के हैं और सीबीआई इसकी जांच कर रही है। यह जांच आकाश कुलकर्णी द्वारा निर्मित की गई है।

अरेस्ट वारंट का डर दिखाकर खातों की ली जानकारी
पुलिस के अनुसार- ठगों ने महिला डॉक्टर से उनके बैंक खातों और फिक्स डिपोजिट के बारे में जानकारी ली। पूछताछ के बाद चार लेटर भेजे, जिसमें सीबीआई के साथ एग्रीमेंट, एसेट सीजर, अरेस्ट वारंट और केस रिपोर्ट पेपर भी थे। यह सब सरकारी कागज देखकर डॉक्टर घबरा गईं और डरकर सारी जानकारी ठगों को दे दी।

सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर छह लाख लिए
 21 सितंबर को डॉक्टर के पास फिर वीडियो कॉल आया, जिसमें व्यक्ति ने अपना नाम ऑफिसर विजय खन्ना बताया। वाट्सएप्प पर डिजिटल कस्टडी का पीडीएफ भेजा। उसने सिंकिंग प्रायरटी इन्वेस्टिगेशन की एप्लीकेशन लिखवाई, फिर सुप्रीम कोर्ट सीक्रेट सुपरविजन एकाउंट के साथ एकाउंट जोड़ने की भी एप्लीकेशन लिखवाई। इसके बाद कहा कि आईसीआईसी बैंक के खाते में रुपए डलवाएं। खाता धारक का नाम न्यू समा रोडवेज आया था। इसके बाद बदमाश ने अन्य खातों के बारे में जानकारी लेकर उससे भी छह लाख डालने का कहा, लेकिन इस दौरान डॉक्टर को अहसास हुआ कि फ्रॉड ने उसे डिजिटल अरेस्ट किया है। इस पर उसने फोन काट दिया।

पुलिस ने बताया जाँच एजेंसी में डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई प्रावधान नहीं
महिला डॉक्टर की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर लिया है। उन्हें भेजे गए सभी ऑनलाइन दस्तावेज की जांच की जा रही है। महिला डॉक्टर से जिस खाते में पैसे ट्रांसफर करवाए गए है। उसका भी पता लगाया जा रहा है। थानाधिकारी चौधरी ने बताया- किसी भी जांच एजेंसी में डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई प्रावधान नहीं है। लोगों को इसके लिए जागरूक होना पड़ेगा। लोगों को यह भी समझना होगा कि कोई भी पुलिस अधिकारी किसी भी तरह से जांच में पैसों का लेनदेन नहीं करता है।

लोगों को वहां भी समझ रखनी होगी कि पैसे किस खाते में ट्रांसफर हो रहा है। उसमें क्या नाम आ रहा है। इस तरह के कॉल आने पर किसी की बातों में आए बिना पुलिस को सूचना देनी चाहिए।

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