झुंझुनू, राजस्थान पल्स न्यूज।
वृंदावन का नाम सुनते ही सबसे पहले मथुरा के पास भगवान कृष्ण की क्रीडा स्थली वृंदावन का ध्यान आता है लेकिन राजस्थान में भी एक स्थान है, जो वृंदावन धाम से ख्याति रखता है। प्रदेश के झुंझनु जिले में स्थित वृंदावन धाम कृष्ण भक्तों को अपनी और खींचता है।
झुंझनु जिले के बलोडा गांव के शेखावाटी की भागीरथी कही जाने वाली काटली नदी के पास ये वृंदावन धाम बनाया गया है। इस मंदिर में ठाकुर बांके बिहारी के रूप मे राधा रानी के साथ विराजमान है। वृंदावन के संत हरिदास ने अपने शिष्य पुरुषोतमदास को तपस्या के लिए प्रेरित किया। उनकी तपस्या के लिए उपयुक्त स्थान की खोज मे पुरुषोतमदास काटली नदी के पास पहुचे यह स्थान उन्हे वृंदावन की तरह लगा।
उन्होंने तपस्या की जिससे प्रसन्न होकर युगल बिहारी ने उन्हे दर्शन दिए तब से उन्हे हर स्थान पर भगवान की छवि दिखाई देने लगी। इसी वजह से संत पुरुषोतमदास ने इस जगह का नाम वृंदावन धाम रख दिया। वृंदावन धाम हजारों वर्ष पुराना बताया जा रहा है, जहां पर पंच पेड़ आज भी विद्यमान है। मन्दिर में पूजा अर्चना कर रहे अशोक शर्मा ने बताया कि यह मंदिर 1000 साल पुराना है, जहां अलग-अलग जगह से श्रद्धालु आते हैं। जिसकी जो मनोकामना या इच्छा पूरी होती है, वह इस मंदिर में आता है।