जयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज
न्यायालय में काम करने वाले संविदाकर्मियों का मानदेय बढ़ाया जाएगा। इसके संकेत मुख्य मंत्री भजन लाल ने दिए हैं। ज्ञात रहे कि कल जयपुर स्थित हाई कोर्ट बेंच की बिल्डिंग के बी विंग में एक संविदा कार्मिक ने आत्महत्या कर ली थी। बताया जा रहा है कि उसे बीते 5 महीने से मानदेय नहीं मिल रहा था। इससे परेशान होकर उस संविदाकर्मी ने यह कदम उठा लिया था। अब राजस्थान की भजनलाल सरकार ने आज सुबह हाई कोर्ट संविदाकर्मियों का मानदेय बढ़ाने की घोषणा कर दी है। नए आदेश के अनुसार, अब स्टेनो संविदाकर्मी को 6900 रुपये की जगह 17 हजार रुपये मिला करेंगे। इसी तरह जूनियर क्लर्क संविदाकर्मी को 5600 रुपये की जगह अब 14 हजार रुपये मिला करेंगे। साथ ही बुक लिफ्टर संविदाकर्मी को 4400 की जगह 11 हजार रुपये मानदेय मिला करेगा। नए नियम 1 अक्टूबर 2024 से लागू माने जाएंगे।
आत्म हत्या के 12 घंटे बाद निर्णय
राज्य सरकार ने यह फैसला राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर बेंच बिल्डिंग में संविदाकर्मी मनीष सैनी के आत्महत्या करने की बात सामने आने के 12 घंटे बादयह निणर्य लिया है। मृतक कार्मिक बांदीकुई का रहने वाला था। जब इस घटना की जानकारी उसके परिजनों को मिली तो वे परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और मुआवजा देने की मांग लेकर कलेक्ट्रेट के बाहर धरना देने पहुंच गए। करीब साढ़े 11 घंटे बाद प्रशासन और परिजनों की 3 बिंदुओं पर सहमति बनी, इसके बाद पीड़ित परिवार को सहायता राशि के तौर पर कुल 11 लाख रुपये देने और मृतक की पत्नी को संविदा पर नौकरी देने पर सहमित बनी थी।
पूर्व सीएम ने अशोक गहलोत ने दिया समर्थन
राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने एक्स पर लिखा, ‘राजस्थान हाई कोर्ट में संविदाकर्मी मनीष सैनी का सुसाइड करना बेहद दुखद है। वे ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति एवं परिजनों को हिम्मत देने की प्रार्थना करते हैं। मनीष एक कम सैलरी पाने वाले अनुबंधित कार्मिक थे। राज्य सरकार को पीड़ित परिजनों की आर्थिक सहायता सुनिश्चित करनी चाहिए। हमारी सरकार के समय करीब 1 लाख 10 हजार संविदाकर्मियों के भविष्य की सुरक्षा के लिए कॉन्ट्रेक्चुल सर्विस रूल्स बनाए थे एवं स्क्रीनिंग की प्रक्रिया शुरू की थी।वर्तमान सरकार को बिना देरी उस प्रक्रिया को आगे बढ़ाकर सभी संविदाकर्मियों को रेगुलर कर उचित वेतनमान देना चाहिए।