Sunday, September 22

जयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज़

प्रदेश में अब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। सरकार की ओर से ऐसे संकेत मिल रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने एनएचएम के तहत संचालित कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का लक्ष्य गांव-ढाणी तक स्वास्थ्य कार्यक्रमों का लाभ लोगों तक पहुंचाना है।

उच्च स्तर के संस्थानों में अनावश्यक रेफरल नहीं किया जाए बल्कि उन्होंने फर्स्ट रेफरल यूनिट में पर्याप्त स्टाफ नियोजित कर इन्हें क्रियाशील बनाने एवं इनका समुचित उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने नवजात शिशुओं को बेहतर उपचार उपलब्ध करवाने के लिए फैसिलिटी बेस्ड न्यू बोर्न केयर को और सुदृढ़ करने के निर्देश दिए हैं।

ये दिए गए हैं अधिकारियों को निर्देश
स्वास्थ्य सूचकांकों को और बेहतर कर आयुष्मान राजस्थान का संकल्प साकार करें। अनावश्यक रेफरल नहीं हो, न्यूबोर्न केयर और सुदृढ़ करें, एनीमिया स्क्रीनिंग बढ़ाएं,भर्ती प्रक्रिया को गति दें।

बच्चों और किशोर-किशोरियों में एनीमिया और कुपोषण की समस्या बढ़ रही है. शक्ति दिवस के अवसर पर स्क्रीनिंग को और मजबूत किया जाए, ताकि एनीमिक बच्चों का पता लगाकर उन्हें कुपोषण से बचाया जा सके।

गांव ढाणी तक स्वास्थ्य सेवाओं की सुगम पहुंच में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार निर्धारित सभी चिकित्सा संस्थानों को आयुष्मान आरोग्य मंदिर के रूप में परिवर्तित कर शीघ्र क्रियाशील करने के निर्देश भी दिए हैं।

प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों में तकनीकी नवाचार को बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा है कि इंटीग्रेटेड हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम 2.0 को जल्द से जल्द लागू किया जाए। राजस्थान डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत आईटी संबंधी नवाचारों के लक्ष्य हासिल किए जाएं। उन्होंने आभा आईडी बनाने के काम को गति देने के निर्देश दिए।

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