जयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज
पुलिस मुख्यालय में तैनात आईजी मानवाधिकार किशन सहाय मीणा ने सभी धर्मों के ईश्वर पर सवाल उठाया है। आईजी सहाय ने कहा ईश्वर, अल्लाह जैसा इस धरती पर कुछ नहीं होता, यह केवल हमारी कोरी कल्पना मात्र है। अगर हमे लगता है कि कोई शक्ति हमारी मदद कर रही है है तो यह हमारा भ्रम मात्र है। धर्मग्रंथों में जिसका भी वर्णन है वह केवल कल्पना की बाते है। किशन सहाय ने इसका विडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।
धार्मिक देश पिछड़े हुए
वीडियो में आईपीएस सहाय ने कहा कि भारत में 98 प्रतिशत जनसंख्या धार्मिक दृष्टिकोण की है।विश्व के लगभग सभी धर्म यहां पर मौजूद हैं। हर धर्म की सुप्रीम पावर यहां पर है। लेकिन इसके बाद भी अपने देश में वर्तमान में भी काफी विज्ञान तकनीक में पिछड़ा हुआ हैं। इसलिए हमारे युवा भी बेरोजगारी झेल रहे हैं। क्योंकि हमारे रोजगार तो बाहर चले जाते हैं। साइंस टेक्नोलॉजी में पीछे रहने की वजह से और वर्तमान में हम देख रहे हैं कि जो देश धार्मिक दृष्टिकोण के हैं। वो पिछड़ रहे हैं। इजरायल और हमास के युद्ध का उदाहरण लें। हमास में इस्लामिक देश उनके साथ में हैं। यानी अल्लाह उनके साथ हो रहा है। इजराइल अमेरिका के साथ मिल कर विज्ञान और तकनीकी का इस्तेमाल कर के जीत रहा है। अल्लाह कोई मदद नहीं कर पा रहा है।
गुलामी से नहीं बचा पाए ईश्वर और अल्लाह
मीणा ने कहा, इसी प्रकार भारत ने पहले गुलामी झेली थी, उस दौरान अरब, तुर्क और मुगल आए। यहां का भगवान कोई मदद नहीं कर पाया। गुलामी को नहीं बचा पाया। उसके बाद जब अंग्रेज आए तो उस दौरान भगवान के साथ-साथ हमारे साथ अल्लाह भी गुलामी को नहीं बचा सके। इतिहास से भी सीख सकते हैं कि ऐसी किसी शक्ति ने कभी हमारी मदद नहीं की। भगवान ने कभी किसी देश को गुलाम होने से नहीं बचाया है।
जिनके पास तकनीक वही देश आगे बढ़ रहे
जिन देशों के पास तकनीक और हथियार अच्छे थे। वही देश आगे बढ़ रहे हैं। इसका मतलब है कि ईश्वर, अल्लाह, गॉड,जैसी कोई शक्ति न कभी थी, न होती है। तब विज्ञान की खोज नहीं हुई थी। लेकिन अब लोग जागरूक हो गए हैं। देश को आगे बढ़ाना है तो वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना होगा। वर्तमान में वही देश आगे बढ़ रहे हैं, जो विज्ञान और तकनीक पर काम कर रहे हैं। चीन में 90 प्रतिशत लोग भगवान को नहीं मानते, लेकिन देश प्रगति कर रहा है। भारत में 98 प्रतिशत लोग धार्मिक है, उन्हें आगे बढ़ना चाहिए। लेकिन अपने बच्चे बेरोजगार घूम रहे हैं। विज्ञान में पिछड़ रहे हैं। गुलामी झेली है। किसी ईश्वर, अल्लाह, गॉड ने कोई मदद नहीं की।