Saturday, November 23

जयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज।

तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर चल रहे विवाद के बाद राजस्थान सरकार भी सक्रिय हो गई है। सीएम भजन लाल शर्मा ने  बड़े मंदिरों के प्रसाद की जांच करने के आदेश दिए हैं। सरकार के आदेशानुसार 23 से 26 सितंबर के बीच ये जांच पूरी की जानी है। ज्ञात रहे कि 14 मंदिरों के पास सर्टिफिकेट है। ऐसे में आदेश के बाद अब बड़े मंदिरों के प्रसाद की जांच का अभियान शुरू किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश में भी कई मंदिर ऐसे है जहां पर प्रसाद दिया जाता है, ऐसे में अब सरकार ने यह सख्त कदम उठाया है।

राजस्थान में फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने बड़ा निर्णय किया है। इसके बाद अब   प्रदेश के मंदिरों भी प्रसाद की जांच होगी। इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है, इसमें  कहा गया है कि 23 से 26 सितंबर तक मंदिर में सवामणी और नियमित रूप से दिए जाने वाले प्रसाद के नमूने लिए जाएंगे।

जांच के बाद मिलेगा प्रमाण पत्र

खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने इट राइट इनिशिएटिव प्रोग्राम के तहत भोग के लिए एक सर्टिफिकेशन स्कीम शुरू की है। इस योजना के तहत, धार्मिक स्थलों पर प्रसाद बेचने वाले वेंडर्स और खाने-पीने की चीज़ों को प्रमाण पत्र दिया जाता है। यह प्रमाण पत्र खाद्य सुरक्षा के मानकों एवं हाइजिन सेनेटाईजेशन की पालना करने वाले मंदिरों,धार्मिकों स्थानों को प्रदान किया जाता है।

फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के अतिरिक्त आयुक्त पंकज ओझा ने बताया कि मुख्यमंत्री की पहल पर राजस्थान में चलाए जा रहे अभियान ‘शुद्ध आहार, मिलावट पर वार’ के तहत यह जांच की जाएगी। इसमें सभी बड़े मंदिर, जहां रोजाना भोग के लिए प्रसाद बनाया जाता है। इन मंदिरों में बनने वाले प्रसाद के लिए इस्तेमाल खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी।

प्रदेश के 54 मंदिरों ने किया है आवेदन

बताया जा रहा है कि राजस्थान के 54 बड़े मंदिरों की और से भोग सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया गया है, जिसका वेरिफिकेशन किया जाएगा। इसके लिए संबंधित विभागों को जानकारी दी जा रही है. इसके लिए स्पेशल टीम बनाई जाएगी, जो प्रसाद की गुणवत्ता की जांच करेगी साथ ही हाइजीन का भी निरीक्षण करेगी।

प्रदेश में इतनों के पास प्रमाण पत्र

बताया जा रहा है कि राजस्थान में अब तक केवल 14 धार्मिक स्थलों-मंदिरों के पास भोग प्रमाण पत्र हैं। इसमें जयपुर का मोती डूंगरी गणेश मंदिर पहला धर्मिक स्थल है जिसे भोग सर्टिफिकेट प्राप्त है। यह प्रमाण पत्र  हर 6 माह में ऑडिट के बाद रिन्यू किया जाता है। प्रमाण पत्र के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की टीम मंदिर रसोई की कमियों, जरूरतों, कार्य और मापदंड के पालन का पता लगाकर रिपोर्ट तैयार करती है।

यह है तिरुपति मंदिर के प्रसाद का विवाद
दुनिया के सबसे धनवान मंदिरों में शुमार  तिरुपति बालाजी मंदिर इन दिनों प्रसाद के रूप में भक्तों को दिए जाने वाले लड्डुओं में जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल होने की पुष्टि हुई है। इस खुलासे के बाद दक्षिण से लेकर उत्तर तक हर कोई सन्न है। तिरुपति बालाजी मंदिर के एक्जीक्यूटिव ऑफिसर ने  भी माना है कि मंदिर की पवित्रता भंग हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीती सरकार ने मिलावट की जांच के लिए कोई कदम नहीं उठाए थे। उन्होंने कहा कि प्रसाद में मिलावटी घी की एक बड़ी वजह उसका रेट भी है।

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