Saturday, November 23

जयपुर.बीकानेर, राजस्थान पल्स न्यूज।

मानदेय पूरा नहीं मिलने से राशन विक्रेताओं में आक्रोश है। गांवों से लेकर शहरों तक प्रदेशभर में राशन डिपो बंद पड़े है। इससे राशन भोगी उपभोक्ताओं को परेशानी उठानी पड़ रही है। डिपो होल्डर एक अगस्त से हड़ताल पर उतर गए हैं। आज दूसरे दिन भी प्रदेशभर में हड़ताल रही। राजधानी जयपुर, बीकानेर सहित शहरों में और आसपास के गांवों में राशन विक्रेताओं ने दुकानें नहीं खोली।

राजस्थान राशन डीलर संघर्ष समिति प्रदेश उपाध्यक्ष घनश्याम आचार्य ने बताया कि जब तक मांगे नहीं मानी जाती है, हड़ताल जारी है। वहीं राशन विक्रेता   आनंद ओझा, भगवान दास छंगाणी, रा कुमार व्यास ने बताया कि डिपो होल्डरों को हर महीने 30 हजार रुपए तक मानदेय मिलना चाहिए। गेहूं पर 2 प्रतिशत छीजत दी जानी चाहिए। यह मांग लंबे समय से उठा रहे है, लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा है। इसके परिणाम स्वरूप यह हड़ताल की गई है। डिपो होल्डरों की मांग है कि मानदेय बढ़ाने के साथ ही 5-6 माह से राशन विक्रेता का केंद्र सरकार व राज्य सरकार की और से  अटका कमीशन जारी किया जाना चाहिए। साथ हीआधार सीडिंग की राशि, प्रवासी योजना के तहत वितरण कराए गए गेहूं का कमीशन और ई-केवाईसी का सीडिंग का मेहनताना भी दिया जाए. इसके साथ ही उन्होंने बुजुर्ग और दिव्यांग उपभोक्ताओं को डोर-टू-डोर राशन पहुंचाने वाले आदेशों को हटाने की मांग की है। 

प्रदेश में 27 हजार राशन डीलर
जानकारी के अनुसार राजस्थान में करीब 27 हजार राशन डीलर्स है। यह अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक अगस्त से हड़ताल पर उतर गए है। प्रदेश भर में लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है। जयपुर से लेकर छोटे से गांव तक राशन की दुकानें बंद हैं, लोगों को गेंहू नहीं मिल पा रहा है। हालांकि यह मुद्दा विधानसभा तक पहुंच गया है। आज विधायक गोपाल शर्मा ने इसे लेकर सरकार से सवाल पूछा है, जिसका मंत्री सुमित गोदारा ने जवाब दिया है।

जल्दी करेंगे समाधान, मंत्री गोदारा
विधायक शर्मा ने पूछा, ‘जयपुर में उपभोक्‍ताओं के लिए सुविधा एवं मध्‍यस्‍थता केन्‍द्र की स्‍थापना की जानी थी। उस दिशा में आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। क्या इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी? मंत्री सुमित गोदारा ने इसका जवाब देते हुए कहा, ‘सुविधा और मध्‍यस्‍थता केन्‍द्र  के लिए 2015 में भूमि आवंटित की थी, लेकिन बजट नहीं होने की वजह से कार्य नहीं हो पाया।

Exit mobile version