Tuesday, September 24

जयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज।

प्रदेश में एक बार फिर से बिजली की दरें बढ़ाने की कवायद चल रही है। आने वाले दिनों में बिजली की दरों में इजाफा होगा। ऐसे संकेत ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने दिए है। हालांकि नागर ने इसके लिए निर्वतमान कांग्रेस सरकार को ही जिम्मेवार ठहराया है। नागर ने कहा है कि पिछली कांग्रेस सरकार ने कुप्रबंधन किया था, जिसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा। इसका भार आमजन पर पड़ेगा।  इसका बोझ भी आम उपभोक्ता पर ही पड़ने वाला है। लेकिन इसकी जिम्मेदार पिछली कांग्रेस सरकार होगी।

उन्होंने कहा- बिजली कंपनियों की फिक्स और वेरिएबल कोस्ट होती है। निवर्तमान  कांग्रेस सरकार ने महंगा और इम्पोर्टेड कोयला खरीदा। इससे उत्पादन निगम की वेरिएबल कोस्ट बढ़ी। वहीं, गहलोत सरकार ने रबी की फसल के समय जो बिजली बैंकिंग से उधार ली थी। वो बिजली हमें महंगे दामों में खरीदकर लौटानी पड़ रही है। इससे भी कंपनियों की दरें बढ़ी है। इस कारण  हमें नियमों के तहत राजस्थान विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर करनी पड़ेगी। उसका जो भी निर्णय होगा। उसकी हमें पालना करनी पड़ेगी।

फ्यूल सरचार्ज बढ़ा, इसके लिए भी कांग्रेस जिम्मेवार
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा- अभी जो फ्यूल सरचार्ज बढ़ाया है। उसके लिए भी पिछली कांग्रेस सरकार ही जिम्मेदार है। कांग्रेस के शासनकाल में बिजली उत्पादन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। महंगी दर पर कोयला और बिजली खरीदी गई। इसकी वजह से प्रति यूनिट की लागत बढ़ गई। इसके चलते हमें फ्यूल सरचार्ज बढ़ाना पड़ा। फिर भी हमने आम उपभोक्ताओं पर ज्यादा बोझ नहीं डाला है। हमने 15 रुपए से लेकर 55 रुपए तक फ्यूल सरचार्ज बढ़ाया है। लेकिन हमने बिजली दर नहीं बढ़ाई।

हमारा उत्पादन बढ़ाने पर फोकस
ऊर्जा मंत्री हीरा लाल नागर ने कहा- पिछले कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में किसी भी तरह से बिजली उत्पादन बढ़ाने की दिशा में कोई काम नहीं किया। लेकिन हमारी सरकार ने आते ही केंद्र सरकार के उपक्रमों के साथ एमओयू किए हैं। अभी दो दिन पहले ही कैबिनेट ने केंद्रीय उपक्रमों के साथ जॉइंट वेंचर करने की अनुमति भी हमें दी है।

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