Monday, September 23

जयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज़

प्रदेश में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान उठा फोन टैपिंग का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर निकल आया है। चार साल बाद फिर से इस जिन्न के बाहर आ जाने से पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के नुमाइंदों और अफसरों में खलबली मच गई है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अपने प्रतिनिधियों और अधिकारियों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में केस दायर किया था। सत्ता में आई भाजपा सरकार ने अब इस केस को वापस ले लिया है। ऐसे में अब केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत की ओर से फोन टैपिंग मामले में अग्रिम कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस के हाथ खुल गए हैं। दिल्ली पुलिस अब सख्त एक्शन ले सकती है। गहलोत सरकार ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को रोकने के लिए ही केंद्र सरकार के खिलाफ केस दर्ज कराया था, जिसे भजनलाल सरकार ने वापस ले लिया है।

रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रकरण में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार की ओर से ये दलील दी गई थी कि फोन टैपिंग का प्रकरण राजस्थान का है। राजस्थान की जांच एजेंसियां (एसओजी/एसीबी) इस प्रकरण की जांच कर रही हैं। इन एजेंसियों की जांच सही दिशा में चल रही है। याचिका में यह दलील देते हुए केस दर्ज कराया गया था कि राज्य के इस प्रकरण में दिल्ली पुलिस को जांच या कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दिए जाने के बाद दिल्ली पुलिस की जांच आगे नहीं बढ़ सकी। दिसंबर, 2023 में प्रदेश में सरकार बदल गई तो पिछले दिनों भजनलाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाकर गहलोत सरकार की ओर से लगाई गई याचिका को वापस लेने का आग्रह किया था। सुप्रीम कोर्ट ने भजनलाल सरकार की याचिका को स्वीकार करते हुए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की ओर से दाखिल की गई याचिका को खारिज कर दिया।

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने भी फोन टेपिंग को लेकर दर्ज करवाया था मामला

केंद्र की पूर्ववर्ती सरकार के शासन के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत ने दिल्ली स्थित राउज एवेन्यू कोर्ट में फोन टैपिंग प्रकरण को लेकर केस दर्ज कराया था। जुलाई, 2020 में जब प्रदेश की गहलोत सरकार संकट में थी। उस दौरान तीन ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। उन ऑडियो क्लिप में कथित रूप से गजेंद्रसिंह शेखावत, तत्कालीन विधायक भंवरलाल शर्मा (अब दिवंगत) सहित अन्य नेताओं की आवाज होने के दावे किए गए थे। इस मामले को लेकर दर्ज कराए गए केस की जांच दिल्ली पुलिस के पास है। अब दिल्ली पुलिस फोन टैपिंग मामले में अग्रिम कार्रवाई कर सकती है। गैर कानूनी तरीके से फोन टैपिंग मामले में कुछ अधिकारियों पर गाज भी गिर सकती है।

गौरतलब है कि जुलाई, 2020 में जब तीन ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। उसके बाद कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा के कई केंद्रीय नेताओं पर सरकार गिराने का षड़यंत्र रचने का आरोप लगाया था। पूर्व सीएम अशोक गहलोत सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने बीजेपी के नेताओं के नाम लेकर विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए थे। उधर, भाजपा नेता कांग्रेसी नेताओं के आरोपों को खारिज करते रहे। फोन टैपिंग मामले में भी पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने हाथ खड़े कर दिए थे, सरकार की ओर से साफ इनकार कर दिया गया था कि विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े मामले में कोई फोन टैपिंग नहीं हुई।

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