Saturday, September 21

जयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज।

विश्व के कई देशों में इन दिनों मंकी पॉक्स वायरस के मामले सामने आने लगे। इसको देखते हुए भारत भी सतर्क हो गया है। केन्द्र सरकार ने इसको लेकर एडवाइजरी जारी की है। साथ ही राजस्थान स्वास्थ्य विभाग भी हरकत में आ गया है। खासकर विदेश से आने वाले नागरिकों के लिए एहतियात बरतने के निर्देश सरकार की ओर से दिए गए हैं। यह बीमारी ज्यादातर अफ्रीका के देशों सहित कुछ एशियाई देशों में फैल रही है। हलांकि बताया जा रहा है कि फिलहाल मंकी पॉक्स का भारत में तो कोई मामला सामने नहीं आया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से इमरजेंसी घोषित करने के बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसे लेकर सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। चिकित्सों के अनुसार यह एक संक्रामक बीमारी है। इस वायरस की चपेट में आने वाले मरीज के शरीर पर चने के समान बड़े-बड़े दाने आते हैं। इसके साथ ही मरीज को तेज बुखार और मासपेशियों में दर्द की शिकायत होने लगती है।   डॉक्टरों के अनुसार एक वायरल संक्रमण बीमारी है और एक दूसरे के संपर्क में आने से तेजी से फैलती है।

यह लक्षण हो सकते है
मंकी पॉक्स से ग्रसित लोगों में शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। इनमें बुखार, बदन दर्द और शरीर पर दाने के अलावा कंपकंपी छूटना, थकान और सूजी हुई लिम्फ नोड्स शामिल हैं। ये लक्षण संक्रमण के पांच से 21वें दिन तक आ सकते हैं।

इन सैलानियों पर विशेष नजर
एडवाइजरी के अनुसार अफ्रीकी देशों से आने वाले लोगों पर विशेष नजर रखने के लिए कहा है। अगर कोई विदेश से यात्रा करके आता है और उस व्यक्ति में इस तरह की बीमारी के लक्षण दिखते हैं। उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। प्रशासन को सूचित करना चाहिए। इसी तरह अगर कोई संदिग्ध मिलता है। उसके सैंपल लेकर जांच के लिए भिजवाने और उसके संपर्क में आए लोगों पर निगरानी करने के निर्देश दिए है।

डब्लूएचओ ने यह कहा
विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) ने मंकी पॉक्स बीमारी को लेकर दूसरी बार ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित की है। पहले यह अफ्रीका में फैला था, अब यह यूरोप के कई देशो में बढ़ रहा है। मंकीपॉक्स स्माल पॉक्स और चिकनपॉक्स परिवार से है। राहत की बात यह है कि यह कोरोना की तरह हवा से फैलने वाला वायरस नहीं होकर  ह्यूमन टू ह्यूमन एक दूसरे में फैलता है । स्वास्थ्य संस्थाओ ने इस वायरस को ग्रेड 3 इमरजेंसी के रूप में वर्गीकृत किया है, इसका मतलब है इस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।

वर्ष 2022 में हो गई थी शुरुआत
इस वायरस की शुरूआत 2022 में हुई अब तक यह 116 देशो में फैल चुका है रिपोर्टस के अनुसार जिन लोगों को छोटी चेचक या चिकनपॉक्स हो चुका है या इससे संबंधित टीका (वैक्सीन) लग चुका है, उनमें इस बीमारी के होने का खतरा नहीं के बराबर है। अफ्रीका के बाद यह पाकिस्तान में पहुंच चुका है  हालांकि पाकिस्तान में अब तक एक ही मामला सामने आया है लेकिन अफ्रीका में 14 हजार मामलों में से 524 मौते भी हो चुकी है।

क्या है वायरस ?
मंकी पॉक्स ऑर्थोपॉक्सवायरस जीन्स की एक प्रजाति है इस वायरस की पहचान पहली बार 1958 में की गई थी। उस समय बंदरों में इस बीमारी का प्रकोप काफी ज्यादा बढ़ गया था। इस वायरस का संबंध चेचक, काउपॉक्स, जैसी बीमारियों से है, यह उसी परिवार से है एमपॉक्स वायरस बंदरों में फैलने वाला एक संक्रमण है, इसीलिए इसे मंकी पॉक्स वायरस कहा जा रहा है

मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स वायरस के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और त्वचा पर दाने या फुंसियां शामिल हो सकते हैं. यह वायरस आमतौर पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में शारीरिक संपर्क एवं संक्रमित चीज़ो का इस्तेमाल करने से फैलता है ।

संक्रमित मरीज के संपर्क में आने के बाद तीन से 15-17 दिन में लक्षण दिखते हैं। शुरुआत में बुखार, इसके 1 से 4 दिन बाद स्किन पर दाने बनने लगते हैं। दाने अक्सर पहले चेहरे पर आते हैं, इसके बाद हाथ, पैर व अन्य जगह फैलते हैं। लक्षण आने से लेकर दाने बनने और पपड़ी ठीक होने तक संक्रमित व्यक्ति से यह वायरस फैल सकता है। मंकीपॉक्स के लक्षण आमतौर पर 2 से 4 सप्ताह तक बने रहते हैं। हर पीड़ित मरीज में सभी लक्षण नहीं होते है। कई लोगों को पूरी तरह से ठीक होने में 25 से 30 दिन लग जाते हैं।

मंकीपॉक्स से बचाव के उपाय
इस वायरस से बचने के लिए संक्रमित लोगो के पास जाने से बचे और उनके इस्तेमाल किए चद्दर, कपड़ों को अलग रखे, अपने हाथो को साबुन और पानी से अच्छे से धोए अथवा अल्कोहल आधारित हैंड सेनेटिज़ेर का इस्तेमाल करे ।

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