Saturday, November 23

जयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज

आधार कार्ड की तरह अब स्कूली बच्चों की यूनिक आईडी बनेगी। यह आईडी प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूलों के बच्चों के ‘वन नेशन वन स्टूडेंट’ आईडी योजना के फाॅर्मूले पर लागू होगी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसके तहत प्रदेश के सभी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का पूरा रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा, जो एक क्लिक करने पर सामने आ जाएगा। इसके लिए स्कूल शिक्षा परिषद ने बच्चों के लिए ‘अपार आईडी’ (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक रजिस्ट्री) बनाने जा रही है, यानि बच्चों को अब आधार कार्ड की भांति 12 अंकों का यूनिक नंबर जारी किया जाएगा। इस यूनिक आईडी पर स्कूली बच्चों का पूरा रिकॉर्ड होगा। इस यूनिक आईडी जारी किए जाने के बाद ड्रॉप आउट बच्चों की आसानी से ट्रैकिंग भी हो सकेगी। भर्ती परीक्षाओं में फर्जी मार्कशीट के मामलों पर भी रोक लग सकेगी।

रिपोर्ट में बताया गया है कि शिक्षा विभाग की ओर से शुरू की जाने वाली “वन नेशन वन स्टूडेंट” आईडी के तहत प्रदेश के कक्षा 1 से 12वीं तक के डेढ़ करोड़ से ज्यादा बच्चों के लिए ‘अपार आईडी कार्ड’ बनाया जाएगा। इस आईडी कार्ड के बनने के बाद शिक्षा विभाग को कई कामों में आसानी हो जायेगी। विशेषतया स्कूल से ड्रॉप आउट हुए बच्चों को फिर से स्कूल से जोड़ने का काम भी शिक्षा विभाग आसानी से कर सकेगा।

अपार आईडी के तहत बच्चों को जारी किए गए यूनिक नंबर के बाद बच्चों का सारा स्कूली रिकॉर्ड इस यूनिक आईडी में दर्ज होगा। इस आईडी को बच्चों के आधार कार्ड से भी जोड़ा जाएगा। जिससे स्कूली बच्चों की गतिविधियों की ट्रैकिंग भी हो सकेगी। फर्जी मार्कशीटों के मामलों पर भी इस कार्ड के जरिए रोक लगाई जा सकेगी, यदि कोई फर्जी मार्कशीट लगाकर नौकरी हासिल करना चाहेगा, तो इस यूनिक आईडी के माध्यम से उसका रिकॉर्ड खंगालकर उसकी वास्तविक शैक्षणिक स्थिति का पता किया जा सकेगा।

यूनिक आईडी के लिए पोर्टल हो रहा है तैयार

“वन नेशन वन स्टूडेंट” योजना पर आधारित अपार कार्ड के लिए शिक्षा विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत स्कूली बच्चों को 12 अंकों का यूनिक नंबर जारी किया जाएगा। जिसके लिए स्कूल शिक्षा परिषद ने पोर्टल का निर्माण करवाना शुरू करवा दिया है। इसके लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। इस दौरान यू डाइस प्लस पोर्टल के माध्यम से बच्चों का अपार आईडी कार्ड तैयार होगा। जिसमें बच्चों के शैक्षणिक सहित सभी विवरण, पाठ्यक्रम, अंक तालिका, प्रमाण पत्र और अन्य उपलब्धियां शामिल होंगी। इसके जरिए विद्यार्थी कहीं से भी अपने दस्तावेज प्राप्त कर सकेंगे।

जानकारों का कहना है कि यह योजना स्टूडेंट्स के साथ-साथ शिक्षकों, अभिभावकों और विभाग के लिए काफी कारगर साबित होगी। लागू होने के बाद यह योजना अन्य राज्यों में लागू होती दिखाई देगी। भजनलाल सरकार का यह कार्य देशभर में मॉडल बन सकता है।

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