जयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज़
प्रदेश में अब छह नहीं बल्कि सात विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक जुबैर खान का निधन हो जाने से अलवर के रामगढ़ सीट खाली हो गई है। प्रदेश में अब कुल सात विधानसभा सीटें खाली हो गई हैं।
खाली हुई इन 7 में से 4 सीटों पर कांग्रेस, एक पर बीजेपी, एक सीट पर बाप और एक सीट आरएलपी के विधायक की वजह से सीट खाली हुई है। पिछली बार वर्ष, 2018 से 2023 के बीच भी सात से अधिक सीटों पर उपचुनाव हुए थे। अब उसी तरफ यह सत्र फिर आगे बढ़ता दिखाई दे रहा है।
प्रदेश में अब उपचुनाव को लेकर सियासी हलचल दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारियां भी तेज हो गई है। लेकिन एक सीट और खाली होने से अब दूसरा दृश्य बनता नजर आने लगा है। इन विधानसभा सीटों पर राजनीतिक दलों को भी मजबूती से काम करना पड़ रहा है।
जिन सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं वो सभी दिग्गज नेताओं की सीट है। झुंझुनूं विधानसभा सीट कांग्रेस के बृजेन्द्रसिंह ओला की सीट है। इस सीट से ओला कई बार विधायक रहे हैं। अब इस बार लोकसभा चुनाव में वे सांसद बन गए हैं। देवली-उनियारा विधानसभा सीट से कांग्रेस के हरीश मीणा दो बार लगातार विधायक बने, अब वो भी सांसद बन गए हैं। इसलिए इस सीट पर भी चुनौती बड़ी है।
नागौर के खींवसर से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के प्रमुख हनुमान बेनीवाल विधायक बने थे। बेनीवाल यहां से कई बार विधायक रहे हैं। अब वे भी सांसद बन गए हैं। दौसा सीट से कांग्रेस के मुरारीलाल मीणा कई बार विधायक रहे हैं। अब वे भी सांसद बन गए हैं। सलूंबर सीट से बीजेपी के अमृतलाल मीणा कई बार विधायक रहे हैं। उनके निधन से ये सीट खाली हुई है। चौरासी सीट से भारतीय आदिवासी पार्टी (बाप) के राजकुमार रोत दो बार विधायक रहे हैं। इस बार के लोकसभा चुनाव में वे भी सांसद बन गए हैं। उनकी सीट खाली हो गई है। वहीं, अलवर की रामगढ़ सीट से कांग्रेस के विधायक जुबैर खान का हाल ही में निधन हो गया है। इस सीट पर उनकी पत्नी भी विधायक रह चुकी हैं।