Saturday, November 23

जयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज।

जयपुर के सेंट्रल पार्क में तैयार महात्मा गांधी के जीवन गाथा से ओत-प्रोत वाटिका को एक साल बीतने के बाद भी आमजन के लिए नहीं खोला गया। इसको लेकर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कड़ा एतराज जताया है। गहलोत ने इसके लिए वर्तमान भाजपा सरकार को दोषी ठहराया है।

बीते साल दिसंबर में जैसे ही भाजपा सरकार आई तो सबसे पहले गांधी वाटिका न्यास को निरस्त किया गया था। तभी से कांग्रेस इसका विरोध कर रही है, अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धरना देने की चेतावनी दे दी है। असल में निवर्तमान सरकार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन और आजादी की लड़ाई में उनके संघर्षों को दिखाने के लिए गांधी वाटिका म्यूजियम का निर्माण करवाया था, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी उसे जनता के लिए अब तक नहीं खोला गया है। इसका उद्घाटन राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने किया था। 

जयपुर के सेंट्रल पार्क में 85 करोड़ रुपए की लागत से बनी गांधी वाटिका की विषय वस्तु गांधीवादी विचारकों की समिति के मार्गदर्शन में तैयार की गई है  प्रथम तल पर गांधीजी के भारत में अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलनों और उनके दर्शन को प्रदर्शित किया गया है। द्वितीय तल पर विशेष पुस्तकालय, सेमिनार हॉल एवं सम्मेलन कक्ष बनाया गया है. सम्मेलन कक्ष को ‘राजस्थान ने पकड़ी गांधी की राह’, ‘गांधी : अपने आइने में मैं’ और ‘गांधीजी के सपनों का संसार’ तीन खंडों में बांटा गया है। अशोक गहलोत ने ट्वीट करते करते 28 सितंबर को धरना जयपुर के सेंट्रल पार्क में धरना देने की बात कही है।

जनता के लिए खुले वाटिका 
पूर्व सीएम गहलोत ने कहा कि “मैंने व्यक्तिगत तौर पर और पत्र लिखकर भी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से आग्रह किया कि जनता के बीच गांधीजी के सत्य और अहिंसा के संदेश को पहुंचाने के लिए इस म्यूजियम को शुरू किया जाए। सरकार की इस हठधर्मिता के विरोध और गांधी वाटिका म्यूजियम को आम जनता के लिए शुरू करने के लिए और तमाम गांधीवादी 28 सितंबर, शनिवार को सेंट्रल पार्क के गेट नंबर 5 पर स्थित गांधी वाटिका म्यूजियम पर सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक धरना देंगे।

भजनलाल सरकार महीने में विधानसभा में एक विधेयक पेश करते हुए गांधी वाटिका न्यास को निरस्त कर दिया था।  

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