Saturday, September 21

जयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज।

राजस्थान का जन आधार मॉडल अब अरूणाचल प्रदेश में भी लागू होगा। हाल ही में अरूणाचल सरकार का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमण्डल राजस्थान के दौरे पर आया था। अरूणाचल प्रदेश के आयोजना एवं निवेश विभाग के सचिव  राजेन्द्र शर्मा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमण्डल ने राजस्थान के शासन सचिव (आयोजना)  नवीन जैन से मुलाकात की और जन आधार के राजस्थान मॉडल के संबंध में जानकारी हासिल की।

“एक नंबर, एक कार्ड, एक पहचान” पर आधारित राजस्थान की जन आधार योजना से जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से पूर्ण पारदर्शिता के साथ पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाया जा रहा है। अपने सफल क्रियान्वयन के कारण यह योजना अब अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन रही है। राजस्थान की इस पहल का अनुकरण करने में अरूणाचल प्रदेश की सरकार ने गहरी दिलचस्पी दिखाई है।  

प्रतिनिधिमण्डल ने आयोजना भवन स्थित राजस्थान जन आधार प्राधिकरण का अवलोकन किया। आयोजना शासन सचिव  जैन ने अरूणाचल सरकार के अधिकारियों को प्राधिकरण की कार्यप्रणाली, फैमिली डेटाबेस तैयार करने में विभाग की भूमिका और प्रदेश में इसकी आवश्यकता के सम्बंध में जानकारी दी। 

आयोजना सचिव ने प्रतिनिधिमण्डल को अवगत कराया कि राजस्थान में इस डेटाबेस के माध्यम से योजनाओं का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंच रहा है। प्रदेश में अपात्र लोगों की पहचान कर वास्तविक लाभार्थियों तक योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित करने, महिला सशक्तीकरण और वित्तीय समावेशन की दिशा में यह डेटाबेस अभूतपूर्व भूमिका निभा रहा है। 

अर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के निदेशक  विनेश सिंघवी ने प्रतिनिधि मंडल का स्वागत किया और प्रदेश में जन आधार के माध्यम से दी जा रही सेवाओं के बारे मे चर्चा की। संयुक्त निदेशक, जन आधार प्राधिकरण  सीताराम स्वरूप ने बताया कि प्रदेश की 97 प्रतिशत जनसंख्या को योजना के तहत कवर किया जा चुका है। जिसके तहत 2,02,43,526 परिवारों के नामांकन और 1,54,16,25,269 डीबीटी हस्तांतरण किए जा चुके हैं। 

जन आधार योजना के विभिन्न पहलुओं एवं योजना के क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों के सम्बंध में प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने प्रदेश में जन आधार की सफलता में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की महत्ता पर जानकारी दी। प्रतिनिधि मंडल में अरूणाचल प्रदेश के आयोजना एवं निवेश विभाग के सचिव  राजेन्द्र शर्मा, अनुसंधान अधिकारी  के. पॉल, सलाहकार सीएमओ,  सौम्य चक्रबर्ती शामिल रहे।

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