Wednesday, October 30

जयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज

भाजपा के प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के मंत्री रघु शर्मा और सुखराम बिश्नोई के बयान का पलटवार करते हुए कहा कि एक-एक विधानसभा को जिला बनाने वाली अशोक गहलोत सरकार को प्रदेश की जनता ने विधानसभा चुनावों में आइना दिखा दिया। कांग्रेस पार्टी उन जिलों में हारे, जिनकी घोषणा चुनाव से महज छह माह पूर्व चुनाव जीतने के लिए की गई थी। ऐसे में रघु शर्मा और सुखराम बिश्नोई का बयान समझ से परे है।

भाजपा प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने चुनावी लाभ के लिए राजस्थान में चुनाव से छह माह पूर्व एक साथ 19 नए जिले बना दिए। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने कोई रोड मैप या विकास का कोई खाका तैयार किए बिना ही आनन फानन में नए जिले बनाने की थोथी घोषणा कर दी। चुनाव जीतने के लिए पूर्व सीएम गहलोत ने इस तरह का प्रयोग तो किया लेकिन प्रदेश की जनता ने उनके इस प्रयोग को कांग्रेस को चुनाव हराकर सीरे से नकार दिया। जब राजस्थान बना तब 26 जिले थे, उसके बाद नए जिले बनाने का काम भाजपा की सरकारों ने किया लेकिन जिसको जिला बनाया उसको विकसित करने का काम भी भाजपा की सरकारों ने किया क्योंकि उनकी मंशा भी जनहित की थी।

भाजपा प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि पूर्व मंत्री रघु शर्मा ने गुजरात का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी जिलों की संख्या अधिक है तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या गुजरात में चुनावी साल में नए जिले बनाए गए?, क्या गुजरात में बिना रोडमैप एक साथ इतने जिलों की घोषणा की गई ? बल्कि गुजरात में विकास का रोडमैप तैयार करने के साथ समय की मांग के अनुरूप एक-दो की संख्या में नए जिलों की घोषणा की गई। राजस्थान में 19 जिलों की घोषणा केवल अशोक गहलोत का चुनावी हथकंडा था जिसे प्रदेश की जनता समझ चुकी थी।  

भाजपा प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि पूर्व सीएम अशोक गहलोत 15 साल तक मुख्यमंत्री रहे। अगर इन्हें प्रदेश के विकास की चिंता होती तो वे सत्ता में आने के साथ ही एक-एक कर नए जिलों की घोषणा करते और उनके विकास को गति देते। लेकिन पूर्व सीएम गहलोत 14.6 साल तक जिले बनाने की बजाय चुनावी साल में चुनाव से 6 माह पूर्व आनन फानन में एक साथ 19 जिलों की घोषणा करते है। इनमें से कई तो ऐसे है जो एक विधानसभा क्षेत्र में सिमट रहेे है और इन जिलों को बनाने की प्रक्रिया के खिलाफ उस वक्त बडे़ आंदोलन जनता ने किए थे।

कांग्रेस ने चुनाव हारने के डर से एक साथ इतने जिले बनाकर चुनाव जीतने की असफल कोशिश की, जनता ने उन्हें सबक भी सिखाया। लेकिन प्रदेश की भजनलाल शर्मा सरकार प्रदेश के विकास के लिए कतिबद्ध है और वो इन जिलों के नागरिकों एवं प्रदेश के जिलों के विकास के लिए कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर उचित निर्णय लेंगे। अब कांग्रेस के नेताओं द्वारा जिलों को लेकर दिए जा रहे बयानों से यह स्पष्ट हो गया कि उन्हें जनता के विकास से कोई लेना देना नहीं है, बल्कि केवल झूठी बयानबाजी कर जनभावनाओं का अपमान करना है। कांग्रेस के नेताओं को चाहिए कि वे प्रदेश की जनता की भावना का सम्मान करते हुए विकास की राजनीति करें।

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