जयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज
अब नाबालिग बच्चों को वाहन चलाने के लिए देना अभिभावकों पर भारी पड़ सकता है। प्रदेश में सडक़ दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से परिवहन एवं सडक़ सुरक्षा विभाग की ओर से कवायद शुरू कर दी गई है। परिवहन विभाग ने सभी जिलों के कलक्टर और पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं।
विभागीय सूत्रों के अनुसार प्रदेशभर में नाबालिग बच्चों के वाहन चलाने पर अब उनके परिजनों पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं, नाबालिग बच्चों को वाहन चलाने की अनुमति देने, चलवाने या प्रेरित करने पर उनके अभिभावकों को तीन साल तक की सजा हो सकती है। साथ ही 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इसे लेकर परिवहन एवं सडक़ सुरक्षा विभाग की ओर से सभी कलेक्टर व सभी पुलिस आयुक्त, आईजी व पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए जा चुके हैं।
बताया जा रहा है कि परिवहन एवं सडक़ सुरक्षा विभाग ने यह कवायद प्रदेशभर में बढ़ते सडक़ हादसों में कमी लाने के उद्देश्य से की है। प्रदेश में घटित सडक़ हादसों में जान गंवाने वाले युवाओं के बढ़ते प्रतिशत को देखते हुए परिवहन एवं सडक़ सुरक्षा विभाग ने यह सख्त निर्णय लिया है। इसको लेकर प्रदेशभर में जल्द ही अभियान भी चलाया जाएगा।
ज्यादातर 18 वर्ष से कम उम्र वाले अवयस्क ही सडक़ हादसों में जीवन गंवाने वालों में होते हैं। नियमों के मुताबिक वाहन चलाने देने या फिर प्रेरित करने वाले अभिभावकों एवं संरक्षकों के खिलाफ संबंधित पुलिस एवं परिवहन विभाग की ओर से कार्रवाई की जाएगी।
18 से कम आयु के बच्चों के वाहन चलाते पकड़े जाने पर अभिभावक जिम्मेदार समझे जाएंगे। वाहन का रजिस्ट्रेशन एक साल के लिए निरस्त कर दिया जाएगा। नाबालिग का ड्राइविंग लाइसेंस भी 25 साल की उम्र होने के बाद ही बन सकेगा।