राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए 17 अगस्त से 25 कांग्रेस पर्यवेक्षक विधानसभा टिकट दावेदारों की ग्राउंड रियलिटी जानेंगे। साथ ही कांग्रेस के सभी पर्यवेक्षक 15 सितंबर तक स्क्रीनिंग कमेटी को तीन-तीन उम्मीदवारों के पैनल के साथ रिपोर्ट सौंपेंगे।
सीएम अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की ओर से सितंबर के अंतिम सप्ताह या अक्टूबर के पहले सप्ताह में कांग्रेस के विधानसभा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बयान दिया था। जिसके बाद कांग्रेस में प्रत्याशी चयन की कवायद तेज हो गई है। राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट दावेदारों की ग्राउंड रियलिटी का दौर 17 अगस्त से शुरू हो जाएगा।
जिताऊ और टिकाऊ उम्मीदवार चेहरों पर रायशुमारी के लिए कांग्रेस पार्टी में आंतरिक सर्वे चल रहे हैं। एआईसीसी की ओर से नियुक्त पर्यवेक्षक भी अब दावेदारों की जमीनी हकीकत जानेंगे। सभी 25 लोकसभा वार पर्यवेक्षकों को 17 अगस्त से अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में जाने के निर्देश कांग्रेस पार्टी की ओर से दिए गए हैं। इनके साथ सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में विधानसभा वार पर्यवेक्षक भी लगाए जाएंगे।
15 सितंबर तक रिपोर्ट कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी को सौंपनी होगी
सूत्र बताते हैं दावेदारों की रायशुमारी को लेकर पर्यवेक्षकों को 15 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट तैयार करके कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी को सौंपनी होगी। ये पर्यवेक्षक 3-3 नामों का पैनल विधानसभा वार तैयार करेंगे और उसे स्क्रीनिंग कमेटी को सौंपेंगे। स्क्रीनिंग कमेटी 3-3 नामों के पैनल में से प्रत्याशियों का चयन करेगी।
दावेदारों से मुलाकात करेंगे और जीत के समीकरण समझेंगे पर्यवेक्षक
जानकारी के अनुसार पर्यवेक्षक हर विधानसभा क्षेत्र में जाकर टिकट दावेदारों से मुलाकात करेंगे। साथ ही उनसे जीत के समीकरण पर चर्चा करेंगे । इसके अलावा टिकट मांग रहे अन्य दावेदारों को लेकर पर्यवेक्षक कांग्रेस कार्यकर्ताओं, नेताओं से फीडबैक लेंगे। बगावत कहाँ हो सकती है और उसका क्या नुकसान होगा, विपक्षी पार्टी में बगावत और उसका फायदा भी देखा जाएगा। जनता और कांग्रेस नेताओं, कार्यकर्ताओं के बीच जाकर भी पर्यवेक्षक जमीनी हकीकत और टिकट दावेदार की छवि का पता लगाएंगे। जीत की कुव्वत के लिए भी नब्ज़ टटोलेंगे।
हर पर्यवेक्षक के पास आठ-आठ विधानसभा सीटों का जिम्मा
राजस्थान में विधानसभा की कुल 200 सीटें हैं। 25 लोकसभा क्षेत्र हैं। लोकसभा बार पर्यवेक्षकों को ग्राउंड रियलिटी रिपोर्ट लाने को कहा गया है। हर पर्यवेक्षक के पास 8-8 विधानसभा सीटों का ज़िम्मा है। हालांकि कांग्रेस पार्टी में टिकट वितरण किस तरह से होता है, यह किसी से छुपा नहीं है। प्रदेश कांग्रेस हाईकमान की ओर से टिकट के लिए पैनल से नाम तय होने के बाद भी तय किए गए नाम के साथ ही बाकी पैनल उम्मीदवारों के नामों की सूची भी कांग्रेस हाई कमान के पास दिल्ली जाती है। जिस पर अंतिम रूप से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की मोहर लगती है। कांग्रेस पार्टी में गांधी परिवार का दबदबा पूरी तरह कायम है। गांधी परिवार से मंजूरी के बाद ही टिकट फाइनल किए जाएंगे।
स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन और सदस्य जल्द आएंगे जयपुर
11 अगस्त को कांग्रेस के प्रदेश वरिष्ठ पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री और पर्यवेक्षक शशिकांत सेंथिल की मौजूदगी में कांग्रेस पॉलीटिकल अफेयर्स कमिटी की पहली बैठक हुई थी। जिसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल, सीएम अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट समेत 35 वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया था। बैठक में लोकसभा वार बनाए 25 प्रभारियों को 17 अगस्त से अपने प्रभार वाले जिलों में जाने के निर्देश दिए गए थे। वहीं चयन के लिए गठित की गई स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन गौरव गोगोई और अन्य सदस्य भी जल्द ही जयपुर आएंगे। स्क्रीनिंग कमेटी वरिष्ठ पार्टी नेताओं, ऑब्ज़वर्स से मुलाकात करके चुनावी तैयारी और टिकट वितरण को लेकर चर्चा करेगी।
सितंबर के अंतिम सप्ताह या अक्टूबर के पहले सप्ताह में आ सकती है कांगेस की पहली लिस्ट
विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट कांग्रेस पार्टी सितंबर के आखिरी सप्ताह या अक्टूबर के पहले सप्ताह में जारी कर सकती है। कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और सीएम अशोक गहलोत इस बारे में पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक के बाद साफ कर चुके हैं। माना जा रहा है पहली लिस्ट में 45 से 50 नाम सामने आ सकते हैं। ये ऐसे नाम होंगे जिन्हें टिकट देने में कोई संदेह नहीं है। सीएम अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, ममता भूपेश, टीकाराम जूली, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, अर्जुन बामणिया, रमेश मीणा, शकुंतला रावत, विधायक गणेश घोघरा, हरीश चौधरी, दानिश अबरार, प्रशांत बैरवा, गिर्राज सिंह मलिंगा जैसे नाम इनमें शामिल हैं। अबकी बार कांग्रेस पार्टी भंवर जितेन्द्र सिंह, रघुवीर मीणा जैसे कद्दावर नेताओं को भी विधानसभा चुनाव में उतार सकती है। बीजेपी से निष्कासित विधायक शोभा रानी कुशवाहा को कांग्रेस धौलपुर से टिकट दे सकती है। बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों में वाजिब अली, जोगिंदर सिंह अवाना, लाखन सिंह मीणा के टिकट मजबूत माने जा रहे हैं।