Friday, November 22

जयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज।

राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली पर नकेल कसने की कवायद शुरू हो गई है। सरकार इसको लेकर सख्त कदम उठा रही है। अब दस्तावेजों का सत्यापन(डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन) विभाग स्तर पर ही होगा। सरकार ने इसको लेकर गाइडलाइन जारी की है।  दस्तावेज सत्यापन का काम 45 दिन में पूरा करके नियुक्ति देनी होगी। सरकार का यह निर्णय राजस्थान सरकार की घोषित सभी चार लाख पदों पर होनी वाली भर्तियों पर लागू होगा। इसमें राजस्थान लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन बोर्ड की परीक्षाएं शामिल हैं।

अब प्रक्रिया पूरी करने में समय बचेगा
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने बताया कि सरकार के इस फैसले के बाद अब भर्ती परीक्षा से चयन तक की प्रक्रिया आधे या उससे भी कम वक्त में पूरी हो सकेगी। क्योंकि अब तक कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से जितनी भी भर्ती परीक्षाओं का आयोजन करवाया जाता है।

उनके दस्तावेज सत्यापन में काफी समय लगता था। हमारे पास पर्याप्त कर्मचारी नहीं हैं। जो कर्मचारी हैं, वह भर्ती परीक्षाओं के आयोजन में ही व्यस्त रहते हैं।

इस वजह से कुछ भर्ती परीक्षा है तो एक साल तक पूरी नहीं हो पाई है। इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने ही सरकार को विभाग स्तर पर डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन करने का प्रस्ताव भेजा था। इसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है। 

आने वाले दिनों में 20 से ज्यादा परीक्षा
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड आने वाले 5 महीनों में ग्रेड थर्ड की 20 से ज्यादा परीक्षाएं आयोजित करेगा। परीक्षाओं का बोर्ड ने कैलेंडर जारी किया हुआ।बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि बीते कुछ समय में परीक्षाओं में धांधलियों से सिस्टम पर सवाल खड़े हुए हैं। इसी कारण बोर्ड भी परीक्षाओं की प्रक्रिया को लेकर नए-नए प्रयोग करने में जुटा है।

भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बोर्ड हाइब्रिड सिस्टम भी लाया है। इसको सीबीटी कम ओएमआर नाम दिया गया है। यह पूरी तरह से ऑनलाइन रहेगा और ना ही पूरी तरह से ऑफलाइन होगा। अभ्यर्थियों को पेपर तो ऑनलाइन दिया जाएगा। जबकि अभ्यर्थी को आंसर वर्तमान की तरह ऑफलाइन ही देना होगा। यह सिस्टम 20 हजार से कम अभ्यर्थियों वाली परीक्षा में लागू करने की तैयारी है।

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