जयपुर, राजस्थान पल्स न्यज।
जयपुर के हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर की कुर्सी जा सकती है। इसको लेकर सरकार में कवायद शुरू हो गई है। रिश्वत प्र्रकरण में नाम आने के बाद से ही इसकी अटकले तेज हो गई है। एसीबी के पत्र के चार माह बाद मेयर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी कर दी है। यूडीएच सचिव ने अभियोजन स्वीकृति के आदेश जारी किए हैं।
एसीबी सोमवार को कोर्ट में स्वीकृत पत्र पेश करेगी। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने अभियोजन स्वीकृति की फाइल पर पर हस्ताक्षर कर दिए थे। इसके बाद से ही यह माना जा रहा है कि जयपुर नगर निगम हेरिटेज मेयर को हटाया जा सकता है। इस मामले को लेकर उच्च अधिकारियों की ओर से सीएमओ में फाइल पर चर्चा हो गई है। अंत में सरकार ने मेयर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी करने का निर्णय लिया। अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद अब एसीबी प्रकरण दर्ज कर कोर्ट में चालान पेश करेगी। गुर्जर को हेरिटेज निगम मेयर का पद भी छोड़ना पड़ सकता है।
असल में हाईकोर्ट ने मेयर मुनेश के अभियोजन पर 3 सितंबर को डीएलबी से पूछा था कि अभी तक विभाग ने निर्णय क्यों नहीं लिया। निदेशक से 9 सितंबर को हाजिर होकर जवाब मांगा था।
न्यायालय ने जताई नाराजगी
एसीबी ने इस मामले में दलाल को गिरफ्तार किया था। इसके बाद हुई जांच में मुनेश गुर्जर की भूमिका सामने आई है। एसीबी ने गुर्जर के खिलाफ जुर्म प्रमाणित मानते हुए 1 मई 2024 को अभियोजन स्वीकृति के लिए सरकार को फाइल भेजी थी। इस मामले में हाईकोर्ट ने लंबे समय से अभियोजन मंजूरी पर निर्णय नहीं करने को गंभीरता से लेते हुए 3 सितंबर को नाराजगी जताई थी।