जयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज़
प्रदेश में इस साल निकाय चुनाव नहीं होने की बात सामने आई है। नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के मंत्री झाबरसिंह खर्रा ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में इसका खुलासा किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार UDH मिनिस्टर ने कहा है कि राज्य सरकार ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ के साथ-साथ ‘एक शहर, एक निकाय’ मॉडल को लागू करने की तैयारी में है। ऐसे में अब अगले साल पंचायत चुनाव के साथ ही निकाय चुनाव आयोजित करवाए जा सकते हैं।
एक शहर, एक निकाय’ मॉडल अगर प्रदेश में लागू कर दिया जाता है तो जयपुर, जोधपुर और कोटा में बनाए गए दो-दो नगर निगमों को खत्म किया जा सकता है। कांग्रेस सरकार ने इन शहरों में एक की जगह दो-दो नगर निगम बना दिए थे। यानी जयपुर ग्रेटर नगर निगम, जयपुर हेरिटेज नगर निगम, कोटा उत्तर नगर निगम, कोटा दक्षिण नगर निगम, जोधपुर उत्तर नगर निगम, जोधपुर दक्षिण नगर निगम में से किन्हीं 3 नगर निगम को डिजॉल्व किया जा सकता है।
आगे बढ़ाया जा सकता है नगर निकायों के बोर्ड का कार्यकाल
अभी तक निकाय चुनाव को नवंबर महीने में कराए जाने की चर्चा चल रहीं थी। लेकिन ‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ मॉडल को लेकर की जा रही कवायद को देखते हुए यह अंदेशा लगाया जा रहा था कि नवंबर में जिन 49 नगर निकायों के बोर्ड का कार्यकाल खत्म हो रहा है, उनकी जिम्मेदारी प्रशासन को सौंप कर कार्यकाल आगे बढ़ाया जा सकता है। UDH मंत्री के इस बयान के बाद यह साफतौर पर माना जा रहा है कि ब्यावर, पुष्कर, नसीराबाद, टोंक, डीडवाना, मकराना, बीकानेर, चूरू, राजगढ़, श्रीगंगानगर, सूरतगढ़, हनुमानगढ़, अलवर, भिवाड़ी, थानागाजी, महुआ, सीकर, नीमकाथाना, खाटूश्यामजी, झुंझुनूं, बिसाऊ, पिलानी, फलौदी, जैसलमेर, बाड़मेर नगरपरिषद, बालोतरा, सिरोही, माउंटआबू, पिण्डवाड़ा, शिवगंज, पाली, सुमेरपुर, जालोर, भीनमाल, कैथून, सांगोद, छबड़ा, मांगरोल, भरतपुर, रूपवास, उदयपुर, कानोड़, बांसवाड़ा, प्रतापपुरी गढ़ी, चितौड़गढ़, निम्बाहेड़ा, रावतभाटा, राजसमंद और आमेट निकायों की जिम्मेदारी प्रशासन को सौंपी जा सकती है।